ITR Filing 2024 Last Date: नया वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरू होते ही आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग की शुरुआत भी हो चुकी है। टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना जरूरी हो गया है कि आईटीआर की आखिरी तारीख कब है। इसकी आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है।
ये भी पढ़ें : Petrol-Diesel Price: देश में जारी हुए पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट, कितना पड़ा इजरायल-ईरान युद्ध का असर? जानिए
इसलिए टैक्सपेयर्स अतिरिक्त चार्ज या पेनाल्टी से बचने के लिए समय पर आईटीआर फाइल करें। इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने समय सीमा का पालन करने के महत्व को दोहराया है। इस बात पर जोर दिया है कि देर से फाइल करने पर लेट फाइन लगेगा। यह लेट फाइन 500 प्रति माह अधिकतम 1000 रुपए हो सकता है। यह ऐलान तब हुआ जब आईटीआर फॉर्म 1, 2, 4, और 6 ई-फाइलिंग पोर्टल पर 1 अप्रैल 2024 से ही उपलब्ध करा दिए गए है। यह वर्ष परंपरा से हटकर है। जिसमें टैक्सपेयर्स को नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का अवसर दिया गया है। ऐसे उपायों को अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाने और करदाता सेवाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जाता है।
टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी बातें
आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख: 31 जुलाई 2024
देर से फाइलिंग के लिए जुर्माना: विलंब शुल्क 500 रुपये प्रति माह, अधिकतम 1,000 रुपए तक।
आईटीआर फॉर्म उपलब्ध: आईटीआर 1, 2, 4, और 6 1 अप्रैल 2024 से ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध हैं।
फॉर्म: आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स की जरुरतों को पूरा करते हैं।
हाल के वर्षों में यह पहली बार है कि टैक्सपेयर आसान फाइलिंग प्रक्रिया के लक्ष्य के साथ नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
किसी वित्तीय वर्ष में आपकी कुल कर देनदारी 10,000 रुपए तक पहुंच जाती है या उससे अधिक हो जाती है तो अग्रिम टैक्स भुगतान जरूरी है। वित्तीय वर्ष के 31 मार्च से पहले भुगतान किया गया कोई भी टैक्स अग्रिम टैक्स माना जाता है।
उपलब्ध फॉर्मों में आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स की जरूरतों को पूरा करने वाले सरल विकल्प के रूप में सामने आते हैं। सहज को 50 लाख रुपए तक की आय वाले निवासी व्यक्तियों के लिए तैयार किया गया है। जिसमें वेतन, एक घर की संपत्ति, ब्याज जैसे अन्य स्रोत और 5000 रुपए तक की कृषि आय शामिल है। दूसरी ओर सुगम को व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और कंपनियों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक है, जो मुख्य रूप से बिजनेस और पेशे की गतिविधियों से प्राप्त होती है।
टैक्सपेयर्स को याद दिलाया जाता है कि अग्रिम टैक्स का भुगतान करने की बाध्यता तब उत्पन्न होती है जब उनकी कुल टैक्स देनदारी वित्तीय वर्ष के भीतर 10000 रुपए तक पहुंच जाती है या उससे अधिक हो जाती है।
ये भी पढ़ें : गर्मी की छुट्टियों में घूमने का है प्लान? ट्रेन में ऐसे बुक करें कन्फर्म सीट, इस ऑप्शन से मिलेंगे जबर्दस्त फायदे
इसके अलावा उसी वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को या उससे पहले किए गए किसी भी टैक्स भुगतान को अग्रिम टैक्स के रूप में मान्यता दी जाती है, जो टैक्स अनुपालन दायित्वों पर और स्पष्टता प्रदान करता है।