Gold and Silver Latest Price Today: ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों से सोने-चांदी के भावों में गिरावट दर्ज की गई है. जानकारों का कहना है कि कीमती धातुओं के रेट्स में अभी और गिरावट आ सकती है.
ये भी पढ़ें– टाटा ग्रुप की एक और बड़ी डील, 835 करोड़ में इस कंपनी का खरीद डाला 10% शेयर
Gold Price Today: ग्लोबल मार्केट्स में में कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट आने के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 150 रुपये की गिरावट के साथ 72,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी.
पिछले कारोबारी सत्र में सोना 72,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
चांदी की कीमत भी 750 रुपये लुढ़ककर 83,750 रुपये प्रति किलो रही. इससे पूर्व यह 84,500 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (Commodities) सौमिल गांधी ने बताया कि विदेशों में नरमी के रुख के बीच दिल्ली में हाजिर सोना (24 कैरेट) 72,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा जो पिछले बंद भाव से 150 रुपये कम है.
ये भी पढ़ें– Jana Small Fin Bank में 20% का अपर सर्किट, यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए अप्लाई करने का है प्लान
ग्लोबल मार्केट कॉमेक्स (Commodities Market) में हाजिर सोना 2,320 डॉलर प्रति औंस पर रहा जो पिछले बंद भाव से 13 डॉलर कम है.
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के वाइस प्रेसीडेंट (Research Analyst) जतीन त्रिवेदी ने बताया कि सोने की कीमतें लगातार गिरावट जारी है… इस बिकवाली का कारण एक मई को अमेरिका में मौद्रिक नीति की होने वाली घोषणा है. इसमें ऐसी संभावना है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर को लेकर आक्रामक रुख अपना सकता है.
इसके अलावा, आने वाले सप्ताह में सोने की कीमतों में निरंतर अस्थिरता देखने की मिल सकती है. इसका कारण गैर-कृषि रोजगार और बेरोजगारी आंकड़ें जैसे प्रमुख आंकड़ों का जारी होना हैं.
चांदी भी गिरावट के साथ 26.80 डॉलर प्रति औंस पर रही. पिछले सत्र में यह 27.22 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था.
ये भी पढ़ें– महंगाई से मिलेगी राहत! सरकार ने 6 पड़ोसी देशों को प्याज भेजने की मंजूरी दी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च डिापर्टमेंट के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नवनीत दमानी ने कहा कि निवेशक प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का इंतजार करेंगे. इसमें मंगलवार को जारी होने वाला अमेरिकी कंज्यूमर ट्रस्ट डेटा भी शामिल है. अगर यह उम्मीद से कम रहता है तो यह निचले स्तर पर सर्राफा कीमतों का समर्थन कर सकता है.