Saving and investment tips for women: निवेश मामलों के जानकार सरप्लस अमाउंट को म्यूचुअल फंड्स, स्मॉल सेविंग स्कीम्स या फिर इक्विटीज में निवेश की सलाह देते हैं. लेकिन तब क्या करना चाहिए जब आप पर पहले से कोई लोन चल रहा हो और आपको एक फिक्स रकम जोकि भविष्य में ब्याज दरों में इजाफा होने के चलते बढ़ भी सकती है, चुकानी पड़ती हो.
ऐसे में क्या करना आपके लिए सही रहेगा, लोन की प्रीपेंट करना या फिर अपने इस सरप्लस अमाउंट (बोनस, तोहफे या किसी और कारण मिली नियमित आय से इतर रकम) को निवेश करना.. हमने इस सवाल के साथ टैक्स और निवेश मामलों के जानकार बलवंत जैन से बात की.
निवेश सलाहकार जैन बताते हैं कि यदि होम लोन की बात करें तो इस पर Section 24(b) के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट और सेक्शन 80 सी के तहत प्रिंसिपल अमाउंट पर मिलने वाले टैक्स छूट के लाभ को कंसिडर करें. आप चाहें तो लोन की प्रीमेंट पूरी या न करके, पार्ट पेमेंट कर सकती हैं. आप निश्चित तौर पर टैक्स छूट का लाभ लेना चाहेंगी और इसे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेंगी.
होम लोन चुकाने का निर्णय लेने से पहले आपको भविष्य की जरूरतों के साथ-साथ किसी आपातस्थिति के लिए भी धन की जरूरतों को ध्यान में रखना होगा क्योंकि होम लोन यदि बाकी कर्जों (खासतौर से पर्सनल लोन) से तुलना करें तो अपेक्षाकृत सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध होता है. एक बार जब आपने होम लोन चुका दिया और बाद में पैसे की जरूरत पड़ी तो आपको ऊंची ब्याज दर पर उधार लेना पड़ सकता है. यही नियम बाकी लोन की प्रीपेंमेंट पर भी लागू होता है.
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होम लोन के पूर्व भुगतान के बारे में यदि आप सोचेंगी तो यह भी देखें कि यदि यह पैसा आप निवेश कर रही होंती तो इस पर कुल कितना खर्च आता और कितना रिटर्न आता. इन संभावनाओं को ध्यान में रखें. यदि ऐसे किसी निवेश प्रॉडक्ट से लंबे समय में रिटर्न अधिक होने की उम्मीद है तो आपके लिए होम लोन या किसी भी और प्रकार के लोन जैसे कि ऑटो लोन का समय से पहले भुगतान करने का कोई मतलब नहीं है, होम लोन की अवधि भी लंबी होती है. वह बताते हैं कि निवेश के लिए उपलब्ध ऐसा ही एक रास्ता एनबीएफसी के बॉन्ड हैं.
वहीं यदि आप अपने रिस्क एपेटाइट के आधार पर इस रकम को कम से कम 7-10 वर्षों के लिए म्यूचुअल फंड की इक्विटी-ओरिएंटेड योजनाओं के जरिए इक्विटीज में निवेश करती हैं तो इक्विटी फंड पर रिटर्न आम तौर पर इतने लंबे समय तक होम लोन दरों से अधिक रहा है, यह अब तक के आकलन के मुताबिक बेहतर विकल्प साबित होगा.
वैसे आपको इस बाबत टैक्स के बाद की दरों या रिटर्न के रेट को कंपेयर करना चाहिए, तब फैसला लेना चाहिए.वैसे कुछ जानकार मानते हैं कि लोन चुकाने में यदि प्रीपेंमेंट का विकल्प आपके पास हो तो आपको यह इसलिए ऑप्ट करना चाहिए क्योंकि इससे आपके पास प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आ जाता है.
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लेकिन फिर भी, सरप्लस अमाउंट को निवेश करना है या पार्ट पेमेंट करनी है किसी लोन की, या फिर होम लोन चुकाकर खत्म कर देना है, यह फैसला विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि जोखिम लेने और सहने की क्षमता, आय के सोर्स और अन्य किसी लोन की निकट भविष्य में जरूरत.