All for Joomla All for Webmasters
धर्म

Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी पर 3 बेहद शुभ योग, जानें तारीख, पूजा मुहूर्त और महत्‍व

Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत रखना और इस दिन भगवान श्रीहरि की पूजा करना बहुत लाभ देता है. वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी यानी मोहिनी एकादशी पर इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं. 

Mohini Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन श्रीहरि की पूजा की जाती है. इनमें से कुछ एकादशी वि‍शेष मानी गईं हैं. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि भी इसमें शामिल है. इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं. मोहिनी एकादशी का बड़ा महत्‍व है. इस दिन व्रत-पूजा करने से साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. घर में बरकत रहती है. 

ये भी पढ़ेंBuddha Purnima 2024: आने वाली है बुद्ध पूर्णिमा 2024, जान लें स्‍नान-दान और पूजा का शुभ मुहुर्त

कब है साल 2024 में मोहिनी एकादशी? 

पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्‍ल एकादशी तिथि 18 मई, 2024 की सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 19 मई, 2024 की दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर समाप्‍त होगी. उदयातिथि के आधार पर मोहिनी एकादशी व्रत 19 मई, 2024 को रखा जाएगा. 

ये भी पढ़ेंTulsi Ke Niyam: क्या घर में लगानी चाहिए एक से ज्यादा तुलसी? यहां जानें जवाब

मोहिनी एकादशी 2024 पर शुभ योग 

वहीं इस बार मोहिनी एकादशी पर 3 महायोग का निर्माण हो रहा है, जिन्हें ज्योतिष की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है. मोहिनी एकादशी पर 18 मई शाम 7 बजकर 21 मिनट से लेकर 8 बजकर 25 मिनट तक अमृत योग रहेगा. वहीं सुबह 12 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा. इसके अलावा साध्य योग सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. इन 3 योगों में मोहिनी एकादशी व्रत रखना और विष्‍णु जी की पूजा करना बहुत लाभ देगा. 

ये भी पढ़ें Masik Shivratri 2024: कब है मासिक शिवरात्रि? 3 शुभ संयोग में होगी भोलेनाथ की पूजा, जानें मुहूर्त, पंचक, भद्रा समय

एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप

मोहिनी एकादशी के दिन व्रत-पूजा करने के साथ-साथ भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जाप भी करें. 

1. ॐ नारायणाय नम:
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
3. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.)

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top