Maize Crop: मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. किसान अब अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर सरकार को बेच सकेंगे. इसके लिए किसानों को ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान अपनी उपज को उचित कीमत पर बेच सकेंगे.
ये भी पढ़ें– Post Office Jansuraksha Scheme: मुश्किल समय में परिवार के लिए ‘संकटमोचक’ बनती हैं ये 3 स्कीम्स, जान लें इनके फायदे
कृषि मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट शेयर किया है. इसमें कहा गया है कि हर किसान का अधिकार है कि उसे उसकी फसल का उचित मूल्य मिले. अब https://esamridhi.in/# पर पंजीकरण करें और अपने मक्के को उचित मूल्य पर बेचें.
ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
किसान मोबाइल से भी मक्का की बिक्री के लिए नेफेड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रजिस्ट्रेश कराने का प्रोसेस बहुत ही आसान है.
आपको सबसे पहले https://esamridhi.in/#/ वेबसाइट पर जाना होगा.
यहां आपको फार्मर रजिस्ट्रेशन और एजेंसी रजिस्ट्रेशन दिखेगा.
ये भी पढ़ें– Tatkaal Passport बनवाना है तो घर बैठे करें अप्लाई, अब एजेंट के चक्कर में नहीं बर्बाद होंगे पैसे
आप किसान हैं तो आपको फार्मर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा.
यहां अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करें.
नेफेड पर मक्का बिक्री का रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा.
ऐसे काम करता है esamridhi
ऐसे काम करता है पोर्टल
एक बार जब कोई किसान नए ई-समृद्धि (esamridhi) प्लेटफॉर्म पर खुद को रजिस्टर करता है तो वह सभी खरीदे गए और रिजेक्टेड लॉट को रिकॉर्ड करता है. प्रत्येक लॉट के लिए एक यूनिक नंबर जारी करता है और इन्वेंट्री को अपडेट करता है. उपयोगकर्ता खरीदी गई वस्तुओं की सूची देख सकते हैं. सिस्टम प्रत्येक बैग को एक क्यूआर कोड (QR Code) के साथ टैग करता है जिसे ई-समृद्धि खरीद पोर्टल के साथ मैप किया जाता है और इस प्रकार खरीद प्रक्रिया को आसान और सुव्यवस्थित किया जाता है, जिससे पारदर्शिता, सटीकता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है.
ये भी पढ़ें– अभी निपटा लें बैंक से जुड़ा जरूरी काम, अगले हफ्ते 4 दिन रहेगी बैंकों की छुट्टी
ई-समृद्धि (esamridhi) प्लेटफॉर्म खरीद और इन्वेंट्री मैनेजमेंट को एकीकृत करता है, जिससे पीएफएमएस प्रोसेस के जरिए किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है. किसान को डीबीटी (DBT) के माध्यम से खाते में सीधा पैसा ट्रांसफर किया जाता है. किसानों को बोनस भी दिया जाएगा. किसानों को समय पर बिना किसी परेशानी के सीधे उनके खातों में भुगतान से फायदा होता है.