सरकार फर्नीचर, वॉशिंग मशीन, सोलर ग्लास और एयर प्यूरीफायर जैसे कुछ उत्पादों के लिए ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव करने का विचार कर रही है. सामने आई जानकारी के मुताबिक, सरकार डोमैस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कागज, फर्नीचर, वॉशिंग मशीन , सोलर ग्लास और एयर प्यूरीफायर जैसे प्रोडक्ट्स पर लगने वाले ड्यूटी को कम करेगी है.
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वित्त मंत्रालय को भेजी गई प्रोडक्ट्स की लिस्ट
एक अधिकारी ने बताया कि इंडस्ट्री एंड कामर्स मिनिस्ट्री ने इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (उल्टा कर संचरना) के मुद्दों को देखने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ कई प्रोडक्ट्स की एक लिस्ट साझा की है. यह लिस्ट इंडस्ट्री एसोसिएशन और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ गहन चर्चा के बाद वित्त मंत्रालय को भेजी गई है.अधिकारी के आगे कहा कि इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर यानी उल्टा शुल्क ढांचा घरेलू उद्योग को प्रभावित करता है, क्योंकि मैन्युफैक्चरर को इनपुट कर दरें बिक्री के लिए आउटपुट कर दरों से अधिक चुकानी पड़ती है, जबकि तैयार प्रोडक्ट कम शुल्क और लागत पर आते हैं.
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बदलाव के बाद बढ़ेगा एक्सपोर्ट
अधिकारी आगे कहा कि इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रचर महंगे इनपुट उत्पादों को महंगा बनाते हैं और जिससे मैन्युफैक्चरर एक्सपोर्ट मार्केट में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते. जबकि घरेलू बाजार में ऐसे उत्पादों का आयात सस्ता होने का खतरा बना रहता है. इस टैक्स में बदलाव के बाद घरेलू निर्यातकों को कंपटीशन में मदद मिलेगी और बदले में, शिपमेंट बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा.
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हर साल बढ़ रहा आयात शुल्क
बता दें कि भारत नॉन – फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वाले देशों के लिए इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव करने के लिए 2014-15 से इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा रहा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार, औसत टैरिफ 2014 में 13.5 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 15 फीसदी हो गया, जो 2021 में 18.3% तक पहुंच गया था.
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