मुंबई: गोल्ड असेट क्लास में निवेशकों की प्राथमिकता सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की तरफ तेजी से बढ़ रही है। गोल्ड की तेजी से बढ़ रही रही कीमतों के बीच SGB में निवेश को लेकर आकर्षण इस कदर बढ़ा है कि 2015 के बाद से जारी SGB यूनिट्स में 30 प्रतिशत निवेश अकेले FY24 में किया गया। यहां तक की निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी तक नजरअंदाज कर रहे हैं।
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उन्हें लग रहा है कि गोल्ड की कीमतें आगे जाकर और बढ़ेंगी। यही वजह है कि सेकेंडरी मार्केट में SGB की यूनिट्स प्रीमियम पर ट्रेड हो रही हैं। RNSE के आंकड़ों के मुताबिक कुल 64 गोल्ड बॉन्ड फिलहाल ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं। इनमें 62 प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। IBJA के अनुसार सोमवार को 24 कैरेट गोल्ड (999) का भाव 71,162 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज रहा।
सोने में तेजी की संभावना
आनंद राठी शेयर्स व स्टॉक ब्रोकर्स के कमोडिटी-करेंसी हेड नवीन माथुर का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में आगे भी तेजी की संभावना बन रही है। हमने देखा है कि गोल्ड की की मांग केंद्रीय बैंकों, ETF और व्यक्तिगत खपत से बढ़ी है। इसलिए जो शुद्ध निवेशक हैं वे फिजिकल रूप से गोल्ड खरीदने के झंझट में नहीं पड़ना चाहते। इसलिए, वे SGB के लिए जा रहे हैं। ऐसे में सेकेंडरी मार्केट में उपलब्ध गोल्ड बॉन्ड में निवेश को लेकर निवेशकों में उत्सुकता है।
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एसजीबी को बेचने की उत्सुकता नहीं
गोल्ड की कीमतों में तेजी के रुख के बीच सेकेंडरी मार्केट में SGB को बेचने को लेकर उत्सुकता नहीं हैं। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिनके डीमैट अकाउंट है वे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सेकेंडरी मार्केट में खरीद सकते हैं। लेकिन ज्यादातर गोल्ड बॉन्ड फिलहाल प्रीमियम पर यानी मार्केट प्राइस से ऊपर चल रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रीमियम पर SGBDEC25 (2017-18 दसवीं सीरीज) में दिखाई दिया। यह 6-7 पर्सेंट प्रीमियम पर सेकेंडरी मार्केट में उपलब्ध है। इसके अलावा भी कई सीरीज हैं।
जानकारों के अनुसार सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली सीरीज को खरीदने का मौका 2023 में जून 19 से जून 23 के बीच दिया था।
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ऐसे में 21 फरवरी को सब्सक्राइब हुआ चौथी और अंतिम सीरीज (67वां गोल्ड बॉन्ड) को जून 2024 से पहले उपलब्ध होने की भी संभावना नहीं है। गौरतलब है कि 2015 के बाद से कुल सबस्क्रिप्शन 146,961.529 किलोग्राम तक पहुंच गया, जिसमें अकेले FY24 में 44,335.778 किलोग्राम का योगदान है, जो FY 23 से 3.62 गुना अधिक है।