Loan Against Fixed Deposit: किसी इमरजेंसी में पैसा जुटाने के लिए एफडी (FD) को तोड़ना एक ऑप्शन है। आपको इसके लिए अपने बैंक से संपर्क करना होगा।
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आप ऑनलाइन भी ये काम कर सकते हैं। मगर एक ऑप्शन लोन का भी है। आप जरूरत के समय लोन ले सकते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि एफडी पर भी लोन मिल सकता है। बल्कि एफडी पर लोन पर कम ब्याज दर लगती है, क्योंकि ये एक सिक्योर्ड लोन होता है। अब सवाल यह है कि जरूरत के समय एफडी तोड़ दें या उस पर लोन लें। आगे जानिए क्या करना बेहतर रहेगा।
क्या है सही तरीका
जब एफडी तोड़ने की कॉस्ट (ब्याज का नुकसान और समय से पहले एफडी तोड़ने पर लगने वाला चार्ज) शॉर्ट टर्म के लिए एफडी पर लिए गए लोन पर आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले ब्याज से अधिक हो तो एफडी पर लोन लेना ज्यादा सही है।
यदि आप शॉर्ट टर्म में लोन चुकाने में सक्षम हो सकते हैं तो एफडी को बरकरार रखने के लिए और उस पर ब्याज लगातार हासिल करना जारी रखते हुए समय से पहले एफडी तोड़ने के चार्जेस से बच सकते हैं।
ये भी है एक तरीका
एक अन्य तरीका यह है कि आप इमरसेंजी के समय एफडी के प्रिंसिपल अमाउंट से एफडी के खिलाफ बकाया लोन का भुगतान करें। ऐसा करके, आपकी एफडी की निवेश राशि कम हो जाएगी, लेकिन आप लोन और उस पर लगने वाले ब्याज को अदा कर पाएंगे। अगर लोन चुकाने के बाद एफडी में बैलेंस बचता है तो आप उस बैलेंस पर ब्याज भी हासिल कर सकते हैं।
क्या रहेगा आपके लिए बेस्ट
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ये दो अलग-अलग स्थिति हैं। इनमें एक लोन लेने और दूसरी लोन चुकाने से जुड़ी है। अपनी फाइनेंशियल स्थिति के मद्देनजर आप फैसला ले सकते हैं। वैसे इमरजेंसी के लिए अकसर जानकार एक इमरजेंसी फंड बनाने की सलाह देते हैं।