Andhra Pradesh Baby: आंध्र प्रदेश की 4 महीने की बच्ची ने 120 चीजों को पहचानकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड. माता-पिता छोटी उम्र से किस तरह बच्चों को सिखा सकते हैं चीजें पहचानना जानिए यहां.
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Parenting Tips: बच्चों के कारनामे अक्सर ही हैरान कर देते हैं और एक ऐसा ही कमाल का काम कर दिखाया है आंध्र प्रदेश की कैवल्या ने. कैवल्या (Kaivalya) की उम्र मात्र 4 महीने है और कैवल्या के नाम 120 चीजों को पहचानने का वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) दर्ज है. कैवल्या पंछियों से लेकर सब्जियों और जानवरों तक के नाम बता देती है. कैवल्या की मां हेमा ने कैवल्या के इस टैलेंट को देखा तो दुनिया को दिखाना ही सही समझा. परिवार ने कैवल्या की वीडियो बनाई और नोबल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को भेजी. इस वीडियो को देखकर नोबल रिकॉर्ड्स की टीम भी दंग रह गई थी. असल में बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं उनमें चीजें पहचानने की प्रतिभा आती जाती है. हालांकि, हर बच्चा कैवल्या की तरह छोटी सी उम्र में बहुत सारी चीजें नहीं पहचान सकता है लेकिन, कुछ-कुछ चीजें पहचानना उसे कैसे सिखाएं और कैसे बच्चों को चीजें पहचानने में मदद करें, जानिए यहां.
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कैसे सिखाएं बच्चों को चीजें पहचानना
सामान्य तौर पर 3 महीने से 3 साल के बच्चे चीजें पहचानना शुरू करते हैं. बच्चे चीजों को उनके रंग, टेक्सचर और शेप देखकर पहचानना शुरू करते हैं. चीजें पहचानना सिखाने पर बच्चों की वॉकैबुलरी बढ़ती है, बच्चे ध्यानकेंद्रित करना सीखते हैं, बच्चों में सोल्विंग स्किल्स आती हैं, बच्चे (Babies) अपने आसपास के वातावरण को अडैप्ट करना सीखते हैं.
शेप्स वाले खिलौने
बच्चों को इस तरह के खिलौने खरीदकर दिए जा सकते हैं जिनसे वो अलग-अलग शेप, साइज और टेक्सचर को पहचानना सीखते हैं.
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सोफ्ट टॉयज और रंग
इस तरह के सोफ्ट टॉयज बच्चों को दिलाए जा सकते हैं जिनके अलग-अलग रंग (Colors) बच्चे पहचानने लगें. जैसे हरे रंग के पेड़ वाले सोफ्ट टॉयज तो संतरी रंग के संतरे. इस तरह बच्चे असल में जब इन चीजों को देखते हैं तो सही नाम लेते हैं, सही रंग कहते हैं.
खिलाते हुए बताएं नाम
जब आप बच्चे को कुछ खाने को देते हैं तो उन्हें बता सकते हैं कि यह बैंगन है, यह आलू है, यह गोभी है और यह गाजर. इस तरह बच्चों को धीरे-धीरे नये-नये नाम (Names) याद होने लगते हैं.
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चीजें छुपाकर ढूंढने के लिए कहें
बच्चें अपनी चीजें पहचानना सीखें उसके लिए बच्चों की चीजों को छुपा दें और फिर उन चीजों को ढूंढने के लिए कहें. इससे बच्चों की चीजें पहचानने और ढूंढने की स्किल्स बढ़ती हैं.