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पाकिस्‍तान में क्‍यों है इमरान खान के नाम से दहशत? एक चिट्ठी से मची खलबली…सरकार की हिली कुर्सी

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Pakistan News: पाकिस्‍तान में हाल में ही संसदीय चुनाव संपन्‍न हुए हैं. इस चुनाव में व्‍यापक पैमाने पर धांधली करने का आरोप लगा. सेना ने हर संभव कोशिश कर इमरान खान को सत्‍ता से दूर रखा. इसके बावजूद जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से पाकिस्‍तान में दहशत का आलम है.

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नई दिल्‍ली. पाकिस्तान में चुनाव के बाद भी इमरान खान की दहशत बरकरार है. आतंकवादी हमले के खतरे का हवाला देकर जेल में बंद इमरान खान को उनकी ही पार्टी के मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया गया. पाकिस्‍तान सरकार ने इमरान खान के मुख्‍यमंत्री से मिलने पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान की पंजाब जेल में पिछले काफी समय से बंद हैं. पाकिस्तान में आम चुनाव हो चुके हैं और पाकिस्तान फौजी तथा वहां की पूर्व सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इमरान खान की पार्टी की खैबर पख्तूनख्वा में सरकार बन गई.

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खैबर पख्तूनख्वा की निर्वाचित सरकार के निर्वाचित मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर अपने नेता इमरान खान से मिलने अडियाला जेल जाना चाहते थे. इस बाबत उन्होंने पंजाब सरकार को सूचित किया था. निर्वाचित मुख्यमंत्री के आधिकारिक पत्र के बाद पाकिस्तान सरकार में खलबली मच गई और पाकिस्तान सरकार को लगा कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अपने नेता से नई डायरेक्शन के लिए जेल में मिलना चाहते हैं. लिहाजा आनन-फानन में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को पंजाब सरकार की तरफ से एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया.

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ए‍क चिट्ठी से खलबली
पत्र में पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि अडियाला जेल में आतंकवादी खतरे के मद्देनजर कैदियों से मिलने पर रोक लगा दी गई है. इसलिए खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री इमरान खान से नहीं मिल सकते. पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी किए गए आतंकवादी हमले के अलर्ट का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कैदियों पर आतंकवादी हमला कर सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान का निर्वाचित मुख्यमंत्री अपने नेता इमरान खान के लिए आतंकवादी हो सकता है या फिर पाकिस्तान सरकार जानबूझकर इमरान खान के समर्थकों को उनसे नहीं मिलने देना चाहती और इसी के लिए कथित आतंकवादी खतरे का सहारा लिया गया है.

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