सेबी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को लेकर दो बड़े बदलाव करने जा रहा है. बाजार नियामक (SEBI) ने फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नियमों में बदलाव किया है.
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इसके अलावा ज्वॉइंट अकाउंट के तहत म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया को ऑप्शनल कर दिया है. यह दोनों बड़े बदलाव म्यूचुअल फंड में निवेश (Invest in Mutual Fund) करने को और बेहतर बनाएगी.
फर्जीवाड़ा और गड़बड़ी को रोकने के लिए सेबी ने कहा कि है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पास एक इंस्टीट्यूशनल मेकेनिज्म होना चाहिए जो बाजार में गड़बड़ी की संभावनाओं का पता लगा सके और इसे रोक सके. मेकेनिज्म निगरानी के साथ आंतरिक गड़बड़ियों पर नियंत्रण करेगा. इसके अलावा, फ्रंट रनिंग, इनसाइडर ट्रेडिंग, संवेदनशील जानकारियों के गलत इस्तमाल की पहचान करेगा.
क्या होता है फ्रंट-रनिंग?
सेबी ने इस बदलाव की मंजूरी दी है, जिसकी मदद से एएमसी मैनेजमेंट की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों ही बढ़ेगी. इसके अलावा, एएमसी में व्हिसल ब्लोअर मेकेनिज्म की वजह से पारदर्शिता बढ़ेगी. बता दें जब कोई ब्रोकर या निवेशक गोपनीय जानकारी के आधार पर किसी कारोबार में शामिल होता है तो उसे ‘फ्रंट रनिंग’ कहते हैं.
यह निर्णय सेबी द्वारा एक्सिस एएमसी और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से संबंधित दो ‘फ्रंट-रनिंग’ मामलों में जारी आदेश के बीच आया है.
नॉमिनेशन को बनाया ऑप्शनल
सेबी ने एक बड़ा बदलाव करते हुए ज्वॉइंट म्यूचुअल फंड अकाउंट नामांकन (Joint Mutual Fund Account Nomination) को वैकल्पिक बनाने और फंड हाउसों को कमोडिटी और विदेशी निवेश की देखरेख के लिए एक फंड मैनेजर रखने की अनुमति देने का सुझाव देते हुए एक सार्वजनिक परामर्श किया गया था. अब बोर्ड की ओर से मंजूरी मिली है. ऐसे में ज्वॉइंट म्यूचुअल फंड अकाउंट में नॉमिनेशन करना वैकल्पिक हो चुका है.
नॉमिनेशन का आखिरी डेट
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नॉमिनेशन में छूट देने से निवेशकों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा. साथ ही निवेश करने में सरलता होगी और परेशानियों को भी कम करता है.
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बता दें सेबी ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए नामांकन करने या नामांकन से बाहर निकलने की समय सीमा 30 जून, 2024 निर्धारित की है. अगर वे अनुपालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खाते से निकासी पर रोक लगा दी जाएगी.