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FD में लगाएं पैसा या डेट म्‍यूचुअल फंड में करें निवेश? एक्‍सपर्ट से जानिए

नई दिल्‍ली. हर आदमी अपने पैसे को ऐसी जगह लगाना चाहता है जहां से उसे अच्‍छा ब्‍याज तो मिले ही, साथ ही उसकी पूंजी भी सुरक्षित रहे. बाजार में बहुत से निवेश विकल्‍प उपलब्‍ध हैं.

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इन सबकी अपनी-अपनी खूबियां और खामियां हैं. कम जाखिम उठाने वाले निवेशक बढिया रिटर्न के लिए फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed deposit) और डेट म्‍यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में से किसी एक में पैसा लगा सकते हैं. एफडी और डेट फंड दोनों ही फिक्स्ड-इन्‍कम इंस्‍ट्रूमेंट हैं. अन्‍य निवेश विकल्‍पों के मुकाबले इन दोनों में पैसा डूबने का खतरा बहुत कम है.

ये दोनों निवेश विकल्‍प पहली नजर में एक जैसे ही नजर आते हैं. यही कारण है इन दोनों में से किसमें निवेश किया जाए, इसे लेकर आम आदमी उलझन में पड़ जाता है. फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. लेकिन, इसकी एक खामी यह है कि इसमें रिटर्न बहुत ज्‍यादा नहीं मिलता. वहीं, डेट म्यूचुअल फंड का रिटर्न ज्‍यादा है लेकिन रिस्‍क एफडी से ज्‍यादा है क्‍योंकि यह बाजार से जुड़ा हुआ है. हालांकि, अन्‍य फंडों के मुकाबले इसमें जोखिम कम है.

रिटर्न

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मनी हनी फाइनेंशियल सर्विसेज के अनूप भईया (Anup Bhaiya) का कहना है कि ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी का असर डेट फंड पर ज्‍यादा होता है क्‍योंकि सेकेंडरी मार्केट में बॉन्‍ड यील्‍ड ब्‍याज दरों में परिवर्तन पर तेजी से रिएक्‍ट करती है.

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वहीं, एफडी की ब्‍याज दरें देरी से बढ़ती हैं. हालांकि, डेट फंड रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. वहीं, एफडी में रिटर्न की गारंटी होती है.

जोखिम

अर्थफिनप्‍लान डॉट कॉम की फाउंडर प्रियदर्शिनी मूले (Priyadarshini Mulye) का कहना है कि एफडी में लगाया 5 लाख रुपये तक की राशि पर पूरी तरह सुरक्षित होती है. लेकिन, डेट फंड में ऐसी कोई गारंटी नहीं मिलती. यानी डेट फंड में पैसा डूबने का खतरा है. एफडी में निवेश करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है. वहीं डेट फंड में निवेश पर रिकरिंग एक्‍सपेंस रेश्‍यो चार्ज लगता है. यह 1 फीसदी तक हो सकता है.

टैक्‍स 

मिहिर तन्ना, एसोसिएट डायरेक्टर, एसके पटोदिया एंड एसोसिएट्स का कहना है कि डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा, अब इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में ला दिया गया है. डेट फंड में कोई टीडीएस भी नहीं लगता है.

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फिक्स्ड डिपॉजिट में अगर इंट्रेस्ट इनकम एक वर्ष में 40 हजार रुपये से ज्यादा है तो बैंक 10 फीसदी टीडीएस काटता है. एक टैक्सपेयर्स जो टैक्स के भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है उसे टीडीएस बचाने के लिए फॉर्म 15एच या 15जी जमा करना होगा.

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