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फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट या किसान विकास पत्र, कहां पैसा लगाने पर होगा ज्‍यादा फायदा? जानिए

FD vs Kisan Vikas Patra- कहीं भी पैसा लगाने से पहले उपलब्‍ध सभी विकल्‍पों की तुलना कर लेना फायदेमंद रहता है. अगर आपका मन एफडी में पैसा लगाने का है तो आपको एक बार किसान विकास पत्र की खूबियों के बारे में भी जान लेना चाहिए.

नई दिल्‍ली. जोखिम न उठाने वाले निवेशक छोटी बचत योजनाओं और बैंक एफडी में खूब पैसा लगाते हैं. बैंक एफडी तो भारतीयों का पसंदीदा निवेश विकल्‍प है. पैसा डूबने का खतरा न के बराबर होने और गारंटिड रिटर्न मिलने की वजह से फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में खूब पैसा लगाया जाता है. डाकघर की छोटी बचत योजनाओं की भी लगभग यही खूबियां है. ऐसी ही एक छोटी बचत योजना है, किसान विकास पत्र. यह एक लोकप्रिय बचत योजना है.

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एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई अन्य बैंकों ने हाल ही में कुछ अवधियों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. अगर आपको भी इरादा बैंक एफडी कराने का है तो इससे पहले आपको पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम के बारे में भी जान लेना चाहिए. एफडी और किसान विकास पत्र की तुलना करने के बाद ही आपको फैसला लेना चाहिए कि आपको कहां पैसा लगाना चाहिए.

किसान विकास पत्र (KVP)
किसान विकास पत्र का ब्याज तिमाही आधार पर तय किया जाता है. फिलहाल सरकार इस पर 7.5 फीसदी की दर से ब्‍याज दे रही है. केवीपी का लॉक इन पीरियड दो साल छह महीने है. इसका मतलब है कि आप ढाई साल से पहले आम परिस्थितियों में इस स्‍कीम से पैसा नहीं निकाल सकते. इसका मैच्‍योरिटी पीरियड 10 साल है. इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है, लेकिन कम से कम 1 हजार रुपये का निवेश आपको करना होगा. किसान विकास पत्र में निवेश करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होना जरूरी है. इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा जॉइंट अकाउंट की भी सुविधा है. योजना में नाबालिग भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसकी देखरेख उनके पेरेंट्स को करनी होगी.

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किसान विकास पत्र पर टैक्स छूट नहीं मिलती, क्योंकि यह स्कीम 80सी के तहत नहीं आती है. इनकम पर सरकार की ओर टीडीएस कटौती की जाती है. इसमें एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति को यह सर्टिफिकेट ट्रांसफर किया जा सकता है. एक पोस्‍ट ऑफिस से दूसरे पोस्‍ट ऑफिस में भी इसे ट्रांसफर किया जा सकता है. इस स्‍कीम में लगाया पैसा 115 महीनों यानी 9 साल और 7 महीनों में दोगुना हो जाएगा.

बैंक एफडी
बैंक FD में जमा की गई राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज मिलता है जो खाता खोलने के समय निर्धारित किया जाता है. एफडी धारक अपनी पसंद के अनुसार मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक रूप से अर्जित ब्याज प्राप्त करना चुन सकते हैं. 7 दिन से लेकर दस साल की अवधि के लिए आप एफडी में पैसा लगा सकते हैं. जहां तक टैक्‍स छूट की बात है तो 5 साल की टैक्‍स सेविंग एफडी पर टैक्‍स छूट मिलती है. अन्‍य अवधि वाली एफडी पर नहीं. टैक्‍स सेवर एफडी पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आप कुल टैक्सेबल इनकम में 1.5 लाख रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं.

फिलहाल ढाई साल की अवधि वाली एफडी पर एक्सिस 7.10 फीसदी की दर से ब्‍याज दे रहा है. भारतीय स्‍टेट बैंक की ब्‍याज दर 7 फीसदी सालाना है. एचडीएफसी बैंक में अगर आप ढाई साल के लिए एफडी खाता खुलवाते हैं तो आपको 7 फीसदी ब्‍याज मिलेगा. बैंक ऑफ इंडिया 6.75 फीसदी तो यूनियन बैंक 6.50 फीसदी ब्‍याज दे रहा है.

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कहां ज्‍यादा फायदा?
अगर हम ब्‍याज के हिसाब से देखें तो ढाई साल की अवधि वाली बैंक एफडी के मुकाबले किसान विकास पत्र का ब्‍याज ज्‍यादा है. केवीपी में पैसा लगाने पर 7.5 फीसदी की दर से ब्‍याज मिलेगा, जबकि अभी ढाई साल की एफडी पर कोई भी बड़ा बैंक 7 फीसदी से ज्‍यादा ब्‍याज नहीं दे रहा है. जहां तक लिक्विडिटी की बात है तो इस मामले में बैंक एफडी बेहतर है. किसान विकास पत्र में आप कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर ढाई साल से पहले पैसा नहीं निकाल सकते. वहीं, बैंक एफडी को आप कभी भी तुड़वा सकते हैं. हां, ऐसा करने पर आपको ब्‍याज कम मिलेगा और पैनल्‍टी भी देनी पड़ सकती है.

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