ITR Filing Guide- सीबीडीटी (CBDT) ने रिटर्न दाखिल करने के लिए सात फॉर्म जारी किये हैं. किस करदाता को किस फॉर्म का चयन करना चाहिए यह व्यक्ति, आय के स्त्रोत, करदाता की श्रेणी और करयोग्य आय (Taxable Income) पर निभर करता है.
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नई दिल्ली. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. अब तक करीब तीन करोड़ आईटीआर दाखिल भी हो चुकी हैं. आईटीआर दाखिल करने को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भिन्न-भिन्न आईटीआर फार्म- आईटीआर-1 (सहज), आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4 (सुगम), आईटीआर-5, आईटीआर-6 और आईटीआर-7, जारी किए हैं. सही फॉर्म का चयन आय के स्रोत और राशि, आवासीय स्थिति और करदाता के प्रकार पर निर्भर करता है. इसलिए सही आईटीआर फार्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है. अगर गलत फार्म का चुनाव कर आईटीआर भर दी तो वह रद्द हो जाएगी. सहज यानी आईटीआर-1 फार्म सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. लेकिन, अगर आपने विदेश से कोई कमाई की है तो फिर आप सहज फार्म का इस्तेमाल कर आईटीआर नहीं भर सकते, भले ही आपकी कमाई 50 लाख रुपये सालाना से कम है.
अगर आपने विदेश से कोई आय अर्जित की है तो आपको आईटीआर फार्म-2 का इस्तेमाल आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए करना होगा. आईटीआर-2 फॉर्म का उपयोग उन व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवारों द्वारा किया जाता है जिनकी कर निर्धारण वर्ष की कुल आय में वेतन/पेंशन से आय, गृह संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय (लॉटरी से जीत और रेस के घोड़ों से आय सहित), विदेशी परिसंपत्तियां से आय, कृषि स्रोतों से 5000 रुपये या उससे अधिक इनकम होती है. उपर्युक्त स्रोतों से प्राप्त कुल आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है.
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ये व्यक्ति नहीं भर सकते सहज फार्म
सहज फॉर्म भारतीय निवासी व्यक्ति दाखिल कर सकते हैं. उनकी सभी स्त्रोत से आय 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जो व्यक्ति आईटीआर -1 फॉर्म दाखिल करते हैं उनकी आय जिन स्त्रोतों से आनी चाहिए, उनमें वेतन, पेंशन, मकान संपत्ति, ब्याज, डिविडेंड से आय, फैमिली पेंशन और कृषि से 5,000 रुपये तक की आय शामिल हैं. जो आयकरदाता सहज फार्म का इस्तेमाल कर आईटीआर नहीं भर सकते उनमें शामिल हैं..
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- एनआरआई यानी अनिवासी भारतीय.
- ऐसे व्यक्ति जिनको भारत के बाहर किसी भी आय के स्त्रोत से इनकम हो रही है.
- ऐसे व्यक्ति जो निवासी हैं, लेकिन साधारण रूप से निवासी नहीं हैं. जिन्हें आरएनओआर करदाता कहा जाता है.
- व्यापार या पेशे से आय, कैपिटल गेन से इनकम करने वाले व्यक्ति.
- ऐसे व्यक्ति जिन्होंने एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय कमाई.
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कृषि से आय 5000 रुपये से ज्यादा.
- शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स से आय.
- कंपनियों के निदेशक.
- ऐसे व्यक्ति, जिन्होंने सेक्शन 90 या 91 के अंतर्गत राहत का दावा किया है.