Sovereign Gold Bond: मनी कंट्रोल को मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम बंद कर सकती है या इसकी किस्तों में कमी कर सकती है. केंद्रीय बजट में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को घटाने के बाद यह फैसला कर सकती है.
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नई दिल्ली. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश करने वाले लोगों को झटका लगा सकता है. मनी कंट्रोल को मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम बंद कर सकती है या इसकी किस्तों में कमी कर सकती है. केंद्रीय बजट में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को घटाने के बाद यह फैसला कर सकती है.
कस्टम ड्यूटी में कटौती से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मांग में कमी आने की उम्मीद है. कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद एनएसई पर एसजीबी की कीमतों में 2-5 फीसदी गिरावट आई.
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क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2015 में शुरू हुई थी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आरबीआई सरकार की ओर से जारी करता है, इसलिए इसकी सरकारी गारंटी होती है. इसमें निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. इसमें निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है. यह पैसा हर 6 महीने पर निवेशकों के बैंक अकाउंट में डाल दिया जाता है. एसजीबी की पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 को आई थी. यह नवंबर 2023 में मैच्योर हो गई. एसजीबी स्कीम की 2016-17 की सीरीज 1 अगस्त 2016 में आई थी. यह सीरीज अगस्त 2024 में मैच्योर करने जा रही है.
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने की लिमिट
गौरतलब है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश 1 ग्राम का होना जरूरी है. वहीं, ट्रस्ट या उसके जैसी संस्थाएं 20 किग्रा तक के बॉन्ड खरीद सकती हैं. बता दें आवेदन कम से कम 1 ग्राम और उसके मल्टीपल में जारी होते हैं