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Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी से पहले निकासी पर कितना मिलेगा पैसा, RBI ने तय की दर

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Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, 23 अप्रैल को देय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को तय समय से पहले छुड़ाने के लिए 7,325 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा.

नई दिल्ली. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) निवेशकों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 23 अप्रैल, 2024 को देय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए दर 7,325 रुपये प्रति यूनिट तय की है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2017-18 सीरीज IV और 2018-19 सीरीज II में जिन लोगों ने निवेश किया था, आरबीआई ने इन निवशकों को मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की छूट दे दी है. आरबीआई ने ऐसे निवेशकों के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्पशन दर की घोषणा की है. घोषणा में बताई गई शर्तें 6 अक्टूबर, 2017 और 8 अक्टूबर, 2018 की भारत सरकार की नोटिफिकेशन के अनुरूप है. गोल्ड बॉन्ड खरीदे जाने के 5 साल पूरे होने के बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर इसे प्रीमैच्योर रिडेम्पशन की अनुमति दी जा सकती है.

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रिडेम्पशन प्राइस की गणना कैसे की जाती है?
एसजीबी का रिडेम्प्शन प्राइस, रिडेम्प्शन की तारीख से पहले 3 बिजनेस डेज के इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के औसत पर आधारित होता है. 23 अप्रैल, 2024 को देय प्रीमैच्योर रिडेम्पशन के लिए रिडेम्पशन प्राइस 7,325 रुपये प्रति एसजीबी यूनिट होगा. यह कीमत 18 से 22 अप्रैल (18,19 और 22 अप्रैल) के बीच सोने के बंद भाव के औसत के आधार पर है.

क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज हैं और यह फिजिकल गोल्ड का एक ऑप्शन हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है, इसलिए इसकी सरकारी गारंटी होती है.

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नवंबर 2015 में हुई थी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत
सरकार ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है. यह पैसा हर 6 महीने पर निवेशकों के बैंक अकाउंट में डाल दिया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रा गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मियाद 8 साल
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है. हालांकि निवेशकों को मैच्योरिटी से पहले अपना पैसा निकालने की इजाजत है. यह इजाजत 5 साल के बाद ही मिलती है. इसका मतलब है कि निवेशकों को कम से कम 5 साल तक इन बॉन्ड्स में अपना निवेश बनाए रखना पड़ता है.

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कहां से खरीद सकेंगे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
गौरतलब है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), डाकघर और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) के माध्यम से बेचे जाएंगे. बता दें कि स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है.

अधिकतम 4 किलोग्राम मूल्य तक का बॉन्ड खरीदने की सीमा
उल्लेखनीय है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रा गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है. वहीं, ट्रस्‍ट या उसके जैसी संस्‍थाएं 20 किग्रा तक के बॉन्‍ड खरीद सकती हैं. आवेदन कम से कम 1 ग्राम और उसके मल्‍टीपल में जारी होते हैं.

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