आरबीआई ने यूपीआई लाइट की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी है, जिसमें प्रति लेनदेन सीमा 1,000 रुपये होगी. यह कदम छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को आसान बनाने के लिए उठाया गया है.
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नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तत्काल भुगतान प्रणाली के व्यापक प्रसार के लिए बुधवार को ‘यूपीआई लाइट’ में वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन की सीमा को 1,000 रुपये कर दिया. यूपीआई लाइट के तहत होने वाले लेनदेन इस हद तक ऑफलाइन हैं कि उनमें ‘प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक’ (एएफए) की जरूरत नहीं होती है. इसके अलावा लेनदेन से जुड़े अलर्ट भी वास्तविक समय में नहीं भेजे जाते हैं.
ऑफलाइन भुगतान का मतलब ऐसे लेनदेन से है जिसके लिए मोबाइल फोन में इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है. रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा, ‘यूपीआई लाइट के लिए बढ़ी हुई सीमा 1,000 रुपये प्रति लेनदेन होगी जिसमें किसी भी समय कुल सीमा 5,000 रुपये होगी.’
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क्या है अभी लिमिट
फिलहाल ऑफलाइन भुगतान में लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है. इसके साथ किसी भी समय भुगतान साधन पर ऑफलाइन लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये है. रिजर्व बैंक ने ऑफलाइन लेनदेन में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के लिए जनवरी, 2022 में जारी ‘ऑफलाइन ढांचे’ के प्रावधानों को संशोधित किया. केंद्रीय बैंक ने इस साल अक्टूबर में यूपीआई लाइट के आफलाइन भुगतान की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी.
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क्या है यूपीआई
UPI (Unified Payments Interface) एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो यूजर्स को तुरंत, 24/7 बैंक ट्रांजैक्शन करने की सुविधा देती है इसमें दो प्रमुख बिंदु हैं: UPI और UPI Lite.
- UPI: यह एक ऑनलाइन प्रणाली है, जो इंटरनेट कनेक्शन के साथ काम करती है, और इसे व्यापक रूप से भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
- UPI Lite: यह एक ऑफलाइन भुगतान प्रणाली है, जो बिना इंटरनेट के छोटे मूल्य के लेन-देन को अनुमति देती है.
(भाषा के इनपुट के साथ)