SBI IMPS rules: भारतीय स्टेट बैंक ने डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए 5 लाख रुपये तक के IMPS पर कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है.
SBI IMPS rules: देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने अपने ग्राहकों को डिजिटल ट्रांजैक्शन अपनाने के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि के तत्कल ऑनलाइन लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है.
वर्तमान में 2 लाख रुपये तक के लेनदेन पर IMPS (तत्काल भुगतान सेवा) या इंस्टेंट मनी ट्रांसफर पर कोई शुल्क नहीं लगता है.
डिजिटल ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा चार्ज
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक स्टेटमेंट में कहा कि ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए SBI ने YONO एप सहित इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सहायता से 5 लाख रुपये तक IMPS ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क हीं लगाया है.
1 फरवरी से नया स्लैब होगा लागू
यदि कस्टमर बैंक के ब्रांच से IMPS ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं, तो 1000 रुपये तक के ट्रांजैक्श पर कोई चार्ज नहीं देना होगा. हालांकि 1,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर उन्हें 1 फरवरी से 2 रुपये से लेकर 12 रुपये + GST सर्विस चार्ज के रूप में देना होगा.
इसके साथ ही SBI ने 2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये का एक नया स्लैब जोड़ा है और इस स्लैब के लिए अगर कस्टमर्स बैंक से ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उन्हें 20 रुपये + GST देना होगा. यह नई स्लैब 1 फरवरी से लागू होगी.
हालांकि, SBI ने बताया कि अगर कस्टमर YONO एप के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग या फिर मोबाइल बैंकिंग से IMPS ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उन्हें 5 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.
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NSFT के लिए नियम
इसी तरह, NEFT के माध्यम से 2 लाख रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर SBI कोई शुल्क नहीं लेता है. जबकि अगर आप ब्रांच से NEFT करते हैं, तो आपसे 2 रुपये से लेकर 20 रुपये + GST शुल्क लिया जाता है.
RTGS के लिए नियम
वहीं, RTGS के माध्यम से 5 लाख रुपये तक के डिजिटल ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं है, लेकिन अगर आप ब्रांच से इन सुविधाओं का लाभ लेते हैं, तो आपको 20 से 40 रुपये + GST शुल्क के रूप में देना होता है.