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उत्तर प्रदेश

जिस करहल सीट से अखिलेश यादव लड़ेंगे चुनाव, यादव परिवार का यहां से है पुराना नाता

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि करहल अखिलेश यादव के लिए सबसे सेफ सीट है, क्योंकि यह सैफई से बहुत नज़दीक है. करहल से सैफई की दूरी महज़ 5 किलोमीटर है. इस जगह से भी मुलायम सिंह यादव के परिवार का पुराना नाता है. मुलायम सिंह यहीं के जैन इंटर कॉलेज के छात्र भी रहे हैं और बाद में इसी कॉलेज में बतौर शिक्षक काम भी किया है…

Assembly Seat of Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मैदान में उतरने वाले हैं. अखिलेश के लिए पार्टी ने मैनपुरी की करहल सीट चुनी है. सपाध्यक्ष अखिलेश यादव के करहल से चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच यहां के लोगों का मूड जानने की ज़ी मीडिया ने कोशिश की…

मुलायम सिंह के परिवार से इस सीट का है पुराना नाता
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि करहल अखिलेश यादव के लिए सबसे सेफ सीट है, क्योंकि यह सैफई से बहुत नज़दीक है. करहल से सैफई की दूरी महज़ 5 किलोमीटर है. इस जगह से भी मुलायम सिंह यादव के परिवार का पुराना नाता है. मुलायम सिंह यहीं के जैन इंटर कॉलेज के छात्र भी रहे हैं और बाद में इसी कॉलेज में बतौर शिक्षक काम भी किया है. बताया जाता है कि मुलायम सिंह के सभी भाई भी इसी कॉलेज से पढ़े हैं.

यादव बहुल सीट है करहल
करहल विधानसभा सीट यादव बहुल है. 3:30 लाख वोटर वाली इस विधानसभा सीट पर करीब 1.5 लाख यादव वोटर हैं. साल 1993 से लेकर अबतक 2002 को छोड़ दें तो, इस सीट पर समाजवादी पार्टी का ही कब्ज़ा रहा है. शायद यही वजह है कि अखिलेश यादव ने इस सीट को चुना है. 

पूरब और पश्चिम का बॉर्डर है करहल
बगल की सीट यशवंत नगर है, जहां से उनके चाचा शिवपाल यादव चुनावी मैदान में होंगे. सैफई उनकी विधानसभा सीट में आएगा. अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़कर पश्चिम उत्तर प्रदेश के वोटरों को संदेश देना चाहते हैं. करहल को पूरब और पश्चिम का बॉर्डर कहा जाता है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ पूरब से तो अखिलेश यादव पश्चिम की सीट से चुनाव लड़ने का मैसेज देना चाह रहे हैं.

करहल सीट पर दो पक्षों में बंटे लोग
ज़ी मीडिया के रिपोर्टर ने सीट की 2 जगहों पर लोगों से बातचीत की. पहली जगह पर ज्यादातर लोग अखिलेश यादव के खिलाफ़ बोल रहे हैं. दूसरी जगह जैन इंटर कॉलेज है, जहां ज्यादातर लोग अखिलेश यादव परिवार के समर्थन में हैं. यहां तक की छात्र भी लैपटॉप के लिए अखिलेश यादव को याद कर रहे हैं.

संजय यादव देंगे अखिलेश को कड़ी टक्कर
इसके अलावा, बीजेपी से इस सीट से दावेदार संजीव यादव दावा कर रहे हैं कि वह अखिलेश यादव को हराएंगे. संजीव यादव की पत्नी करहल नगर निगम की चैयरमैन हैं. संजीव खुद भी यहां से चैयरमैन रह चुके हैं. 

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