No Smoking Day 2022: हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है. इस साल 9 मार्च दिन बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जा रहा है. ऐसे में जानते हैं स्मोकिंग से जुड़ी कुछ जरूरी बातें…
No Smoking Day 2022: नो स्मोकिंग डे हर साल मार्च महीने के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है. इस साल नो स्मोकिंग डे 9 मार्च दिन बुधवार को मनाया जा रहा है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का मकसद लोगों को धूम्रपान के कारण होने वाली समस्याओं से अवगत कराना और धूम्रपान की लत छुड़वाना है. स्मोकिंग डे (No Smoking Day) पर लोगों को इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में पता होना चाहिए. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के बारे में बताएंगे कि धूम्रपान से जुड़ी बड़ी (No Smoking Day Importance) बाते कौन-सी हैं
धूम्रपान से जुड़ी कुछ बड़ी बातें
- WHO की रिसर्च के अनुसार, चौथाई किशोर केवल 3 या 4 सिगरेट पीने से ही इसकी लत के शिकार हो जाते हैं. वहीं अगर वे लोग पांच पैकेट का सेवन करें तो 60 प्रतिशत लोग सिगरेट के नशेड़ी कहलाते हैं. यही कारण होता है कि बिना किसी खुद से प्रयास करने पर केवल 4 फीसदी ही धूम्रपान की आदत से छुटकारा पाते हैं.
- दुनिया भर में लोगों के धूम्रपान करने की संख्या में कमी आई है. दुनिया भर की औसत के आधार पर वर्ष 2007 और 2019 के बीच, स्मोकिंग करने वाले लोग 22.7 फीसदी से घटकर 17.5 फीसदी रह गए. यानि बीते 12 सालों में धूम्रपान करने वालों की संख्या में लगभग 23 फीसदी की कमी देखी गई है.
- ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (Global Adult Tobacco Survey -GATS) के मुताबिक, जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनमें से लगभग 60 फीसदी से अधिक लोग इस लत से पीछ छुड़वाना चाहते हैं. वहीं करीब 40 फीसदी लोग 12 महीने पहले ही सिगरेट छोड़ने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं.
- कुछ लोगों को आपने कहते सुना होगा कि मैं सिर्फ 2 या 3 सिगरेट पीता हूं. लेकिन इस पर हुए कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक शोध के मुताबिक, “हल्का” धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों की कार्यक्षमता ‘ज्यादा’ धूम्रपान करने वालों की तरह की कमजोर होती है. ऐसे में भले ही आप कम स्मोकिंग करें लेकिन फेफड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पूरा ही पड़ेगा.
- बता दें कि 5 मिनट की अवधि में एक व्यक्ति सिगरेट के 10 कश लेता है. ऐसे में प्रतिदिन 25 सिगरेट पीने वाला व्यक्ति 250 बार निकोटीन को अफने शरीर में प्रवेश करने दे रहा है. निकोटीन एक जहरीला रसायन है जो सिगरेट में मौजूद होते है. ये जहरीला रसायन करीब 7000 रसायन छोड़ता हैं, जिनमें से 69 रसायन शरीर में कैंसर पैदा करने वाले हैं.
- तंबाकू पुरुषों में 50 फीसदी और महिलाओं में 20 फीसदी कैंसर का कारण बनता है. इसके अलावा कुछ मामले ऐसे में भी सामने आते हैं, जिनमें तंबाकू 40 फीसदी लोगों में टीबी का कारण बनता है.
- धम्रपान छोड़ने के फायदे की बात करें तो नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम (National Tobacco Control Programme -NTCP) के अनुसार, यदि व्यक्ति 8 घंटे सिगरेट नहीं पीता तो उसमें ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है. वहीं अगर व्यक्ति 24 घंटे सिगरेट नहीं पीता है तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या का जोखिम कम हो जाता है. इससे अलग यदि व्यक्ति 72 घंटे सिगरेट नहीं पीता तो फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार आना शुरू हो जाता है. अगर व्यक्ति 1 से 9 महीने के बीच सिगरेट नहीं पीता है तो खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाती है. अगर व्यक्ति 12 महीने सिगरेट नहीं पीता है तो तंबाकू सेवन करने वालों की तुलना में हृदय रोग का जोखिम आधा होता है. यदि व्यक्ति 5 वर्ष स्मोकिंग नहीं करेगा तो स्ट्रोक का जोखिम कम हो जाएगा. यदि व्यक्ति 10 वर्ष धूम्रपान से दूर रहेगा तो तंबाकू सेवन करने वालों की तुलना में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम आधे से भी कम हो जाएगा. वहीं अगर व्यक्ति 15 वर्ष धूम्रपान नही करेगा तो हृदय रोग सामान्य व्यक्ति के हृदय की तरह स्वस्थ हो जाएगा.
- नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम (National Tobacco Control Programme -NTCP) के मुताबिक, साल 2011 की बात करें तो 35-69 आयु वर्ग के लोगों के लिए तंबाकू के सेवन की आर्थिक लागत रु 1,04,500 करोड़ थी. इस बीच तम्बाकू के दाम और GST टैक्स के कारण संभावना जताई जी रही है कि ये लागत 2 लाख करोड़ से ज्यादा हो चुकी होगी.
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