All for Joomla All for Webmasters
दिल्ली/एनसीआर

जानिए दिल्ली में तीनों निगमों के एक हो जाने के बाद कौन सी चुनौतियों का करना होगा सामना? चर्चाओं का बाजार गर्म

निगम में सबसे पहला काम विभागों के अध्यक्ष और अधिकारियों की नियुक्ति का होगा क्योंकि एक निगम के फंड का बड़ा हिस्सा इस पर खर्च होता है। निगम के व्यय कम हों इसके लिए सबसे पहले सभी विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की वरिष्ठता की सूची तैयार होगी।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली नगर निगम को वर्ष 2011-12 में तीन हिस्सों में बांटा गया था। तब कहा गया था कि इससे लोगों की समस्याओं का निदान निकलेगा, लेकिन हुआ ठीक उलट। आलम यह रहा कि तीनों निगमों की अलग-अलग नीतियां दिल्ली और यहां के लोगों के लिए मुसीबत बन गई। फिर जब तीनों निगमों को वापस एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई है तो उनकी अलग-अलग नीतियों को एक करना बड़ी चुनौती होगी।

तीनों निगमों के पास अपने-अपने क्षेत्र में पार्किग से लेकर संपत्ति कर, शिक्षा, स्वास्थ्य और फैक्ट्री आदि के लिए फैसले लेना के अधिकार हैं। इसी तरह अपनी स्थायी समिति और अपने-अपने सदन हैं। एक ही मुद्दे पर अलग-अलग नीतियां बनी हुई हैं। अब जब एक निगम हो जाएगा तो दिल्ली में तीनों में से कौन सी नीति लागू होगी, यह बड़ा सवाल होगा। ऐसा ही तीनों निगम में विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के भी मामले में है।

लाइसेंस नियम व शुल्क का भी मामला भी परेशान करेगा। वर्तमान में तीनों निगमों में फैक्ट्री लाइसेंस के लिए अलग-अलग शुल्क हैं। इसी तरह मांस बिक्री से लेकर उसके लाइसेंस के नियम भी अलग-अलग हैं। वहीं, तीनों निगमों द्वारा जारी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में संशोधन कराना होगा तो यह कैसे होगा। पुराने प्रमाण पत्र को प्रमाणित करने की क्या नीति होगी, इन सारे मुद्दों पर फैसले लिए जाने होंगे।

वरिष्ठता की सूची के हिसाब से पदों का बंटवारा

निगम में सबसे पहला काम विभागों के अध्यक्ष और अधिकारियों की नियुक्ति का होगा, क्योंकि एक निगम के फंड का बड़ा हिस्सा इस पर खर्च होता है। निगम के व्यय कम हों, इसके लिए सबसे पहले सभी विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की वरिष्ठता की सूची तैयार होगी। इसके बाद अधिकतम वरिष्ठ व्यक्ति को विभागाध्यक्ष और उसके नीचे के पदों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे तीनों निगमों में एक ही श्रेणी के अधिकारियों के वेतन और उनके स्टाफ पर होने वाला खर्च कम हो जाएगा।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top