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बिहार

बिहार में हुई संदिग्ध मौतों पर विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, नीतीश से की इस्तीफा देने की मांग

विपक्ष ने बुधवार को बिहार विधानसभा में सरकार को जमकर घेरा। जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत की आशंका पर आक्रमक अंदाज में सदन में विपक्ष ने शून्यकाल ठप किया। साथ ही नीतीश से इस्तीफा देना की मांग की।

राज्य ब्यूरो, पटना : होली पर कई जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत की आशंका पर विपक्ष ने बुधवार को बिहार विधानसभा में सरकार को जमकर घेरा। आक्रमक अंदाज में सदन में शून्यकाल ठप किया। इससे पहले विधानसभा के बाहर विपक्ष ने तख्तियों के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया। सदन के अंदर  विपक्ष ने हंगामा करते हुए शून्यकाल को नहीं चलने दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की। इसके चलते स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को पहली पाली की कार्यवाही 45 मिनट पहले ही भोजनावकाश तक स्थगित करनी पड़ी।

दिखावे की शराबबंदी का आरोप

हालांकि पहली पाली में सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उपस्थित नहीं थे। सत्तापक्ष की तरफ से संसदीय कार्य एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मोर्चा संभाला और विपक्ष के हमले का जवाब दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सिर्फ दिखावे के लिए शराबबंदी की गई है। बिहार में शराब खुलेआम बिक रही है और लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं, जिसे सरकार संदिग्ध मौत बता रही है।

सरकार से जवाब दिलाने की मांग

इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए कार्य स्थगन प्रस्ताव देकर आसन से जहरीली शराब से हुई मौतों पर चर्चा कराने और सरकार से जवाब दिलाने की मांग की। विपक्ष के कई सदस्य सदन के बीच में आकर अपनी मांग दोहराने लगे। इस पर स्पीकर ने विपक्ष को शांत रहने हेतु समझाया और कहा कि पहले प्रश्न काल होने दें और शून्यकाल में कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बात करेंगे। तब विपक्ष के लिए शांत हुए और प्रश्न काल शांतिपूर्वक चला।

स्पीकर ने कई बार समझाया

शून्यकाल में स्पीकर ने विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव को यह कहकर अमान्य कर दिया कि आज सरकार के कई विभागों के अनुदान मांग है जिस पर चर्चा और फिर सरकार की ओर से जवाब होना है। इससे नाराज विपक्ष ने सदन के बीच में आकर हंगामा और नारेबाजी की। इस बीच स्पीकर ने सूचनाएं लेने का प्रयास किया पर हंगामे के चलते कुछ ही सदस्य अपनी सूचनाएं पढ़ पाए। स्पीकर ने कई बार विपक्ष को समझाया और अंत में सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

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