Milk Price Hike: अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी ( RS Sodhi) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यहां से दूध की कीमतें कम नहीं हो सकती है बल्कि ऊपर ही जाएंगी. एनर्जी, रसद और पैकेजिंग लागत बढ़ने की वजह से अमूल दूध की कीमतें बढ़ सकती हैं.
- आम जनता को महंगाई का एक और झटका
- फिर बढ़ने वाले हैं दूध के दाम
- Amul के प्रबंध निदेशक ने बताई वजह
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नई दिल्ली: Milk Price Hike: आम जनता को एक बार फिर तगड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, Amul दूध के दाम फिर से बढ़ने के आसार हैं. अमूल कंपनी के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि एनर्जी, रसद और पैकेजिंग लागत बढ़ने की वजह से अमूल दूध की कीमतें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि इस बार कितना रेट बढ़ेगा. आपको बता दें कि इससे पहले 1 मार्च 2022 को भी अमूल ने दूध की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी.
फिर बढ़ेंगी दूध की कीमतें
अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी (RS Sodhi) ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यहां से कीमतें कम नहीं हो सकती हैं बल्कि ऊपर ही जाएंगी. सोढ़ी ने कहा कि सहकारी संघ ने पिछले दो वर्षों में अमूल मिल्क की कीमतों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. इसमें पिछले महीने दूध की कीमतों में प्रति लीटर 2 रुपये की बढ़ोतरी भी शामिल है. सोढ़ी की बात से यह साफ है कि आने वाले समय में अमूल दूध की कीमत बढ़ सकती है.
किसानों के लिए फायदा
सोढ़ी ने आगे कहा कि उनके उद्योग में मुद्रास्फीति चिंता का कारण नहीं है क्योंकि इससे किसानों को उपज के लिए अधिक कीमतों से लाभ हो रहा है. सोढ़ी ने कहा, ‘अमूल और डेयरी क्षेत्र द्वारा की गई बढ़ोतरी दूसरों की तुलना में या इनपुट लागत में वृद्धि की तुलना में बहुत सीमित है. दूसरी तरफ एनर्जी की कीमतें एक तिहाई से अधिक बढ़ गई हैं जो कोल्ड स्टोरेज खर्च को प्रभावित करती हैं. रसद लागत भी इसी तरह लगातार बढ़ी है और पैकेजिंग के मामले में भी ऐसा ही है. इन दबावों के कारण मार्च में दूध की कीमत में 1 से 2 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
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मुनाफावसूली सहकारिता का मुख्य उद्देश्य नहीं
सोढ़ी ने बताया कि महामारी के दौरान किसानों की दूध से आय 4 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गई है. वहीं, कई तरह की दिक्कतों की वजह से कंपनी के लाभ में कमी आई है. लेकिन अमूल इस तरह के दबावों से बेफिक्र है क्योंकि मुनाफावसूली सहकारी संघ का मुख्य उद्देश्य नहीं है. Amul द्वारा कमाए गए एक रुपये में से 85 पैसा किसानों को जाता है. यानी अमूल के प्रॉफिट में सबसे ज्यादा किसानों को तवज्जो दिया गया है.