नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आपके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत डेबिट और क्रेडिट कार्ड है तो आपको विदेश यात्रा करते समय अपने साथ बहुत ज्यादा नकदी रखने की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। वह दिन गए जब आपको अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों पर अपने खर्चों के लिए ज्यादा नकदी ले जाने की जरूरत थी। लेकिन, अपनी विदेश यात्रा शुरू करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि भारतीय कानूनों के अनुसार कुछ अंतरराष्ट्रीय लेनदेन/भुगतान ऐसे हैं, जिन्हें आप अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम नहीं कर सकते हैं। बता दें कि भारत में विदेशी मुद्रा लेनदेन विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत होता है, जो 1 जून 2000 से लागू है। भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, फेमा के तहत कई अंतरराष्ट्रीय लेनदेनों पर प्रतिबंध है।
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प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय लेनदेन
- लाटरी जीत में से विप्रेषण
- रेसिंग/राइडिंग, आदि या अन्य किसी शौक से प्राप्त आय का विप्रेषण
- लाटरी टिकट, प्रतिबंधित/ वर्जित पत्रिकाओं, फुटबाल पूल्स, स्वीपस्टेक, आदि की खरीद के लिए विप्रेषण
- किसी ऐसी कंपनी द्वारा लाभांश का विप्रेषण, जिस पर लाभांश संतुलन की आवश्यकता लागू है।
- रूपी स्टेट क्रेडिट रूट के अधीन निर्यात पर कमीशन का भुगतान (सिवाय चाय और तंबाकू के)
- भारतीय कंपनियों की विदेश में संयुक्त उद्यमों/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक संस्थाओं में ईक्विटी निवेश के लिए किए गए निर्यात पर कमीशन का भुगतान
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वेबसाइट के “अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न” सेक्शन में एक सवाल के जवाब में बताया गया, “विभिन्न प्रयोजनों से विदेश यात्रा के लिए आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड)/आईडीसी (अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड) का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, लाटरी टिकट, प्रतिबंधित पत्रिकाओं, आदि की खरीद के लिए आईसीसी/आईडीसी के प्रयोग की अनुमति नहीं है। यह फेम (कैट) संशोधन नियमावली, 2015 की अनुसूची 1 में निर्दिष्ट प्रतिबंधित लेनदेन में आते हैं।
बता दें कि आमतौर पर क्रेडिट/डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक भी ग्राहकों जानकारी देते हैं कि कार्ड के माध्यम से किस तरह के लेनदेन पर प्रतिबंधित है। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है कि आरबीआई के नियमों के अनुसार, कार्डधारक को उत्तरदायी ठहराया जाता है और उसे कार्ड (जिससे लेनदेन किया गया) रखने से रोका जा सकता है।