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आय पर नहीं लगता इनकम टैक्‍स, लेकिन अब इन लोगों को भी भरनी होगी ITR

इनकम टैक्‍स नियम, 1962 के तहत जिन लोगों की कमाई कर छूट से ज्‍यादा है, उनके लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है. इसके अलावा सरकार ने कुछ अन्‍य शर्तें भी लागू की हैं, जिनके दायरे में आने वाले लोगों को भी ITR फाइल करनी होती है.

नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स के दायरे में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को लाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने वालों की लिस्‍ट में कुछ और लोगों को भी शामिल किया है. ये ऐसे लोग हैं जिनकी आय पर इनकम टैक्‍स नहीं लगता है. लेकिन, अब इनको भी आईटीआर फाइल करनी होगी. इस संबंध में सीडीबीटी ने 21 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

इनकम टैक्‍स नियम, 1962 के तहत जिन लोगों की कमाई कर छूट से ज्‍यादा है, उनके लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है. इसके अलावा सरकार ने कुछ अन्‍य शर्तें भी लागू की हैं, जिनके दायरे में आने वाले लोगों को भी ITR फाइल करनी होती है. अब इस लिस्‍ट में चार नई शर्तें जोड़ी गई हैं.

साल 2019 में सरकार ने अनिवार्य आईटीआर भरने वालों की लिस्‍ट में संसोधन किया था. तब सरकार ने ऐसे लोगों के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न भरना अनिवार्य कर दिया गया था जिन्‍होंने अपने करंट बैंक अकाउंट में  एक साल में एक करोड़ या इससे ज्‍यादा राशि जमा कराई हो, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्‍यादा खर्च किए हों या फिर एक साल में एक लाख रुपये से ज्‍यादा का बिजली बिल भरा हो. इनमें से किसी भी शर्त पर खरा उतरने वाले व्‍यक्ति की आय भले ही इनकम टैक्‍स के दायरे में न आती हो, फिर भी उसे इनकम टैक्‍स रिटर्न भरना जरूरी है.

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अब लिस्‍ट में जोड़ी 4 शर्तें
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार  21 अप्रैल, 2021  एक नोटिफिकेशन जारी कर सीबीडीटी ने इस लिस्‍ट में चार शर्तें और जोड दी हैं. ये शर्तें तत्‍काल प्रभाव से प्रभावी हो गई हैं. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नई शर्तों के दायरे में आने वाले सभी व्‍यक्तियों को अपनी सभी आय की जानकारी देते हुए आईटीआर फाइल करनी होगी.

60 लाख से ज्‍यादा बिजनेस टर्नओवर : एक ऐसा व्‍यक्ति जो बिजनेस करता है और उसकी टोटल सेल, टर्नओवर या कुल रिसिप्‍ट्स एक वित्‍तवर्ष में 60 लाख रुपये से ऊपर जाती है तो उसे आईटीआर भरनी होगी चाहे उसे व्‍यवसाय में लाभ हुआ हो या हानि. और भले ही उसकी आय भी इनकम टैक्‍स के दायरे में न आती हो.

प्रोफेशनल्‍स रिसिप्‍ट्स : अगर किसी प्रोफेशनल की अपने प्रोफेशन से रिसिप्‍ट्स पिछले साल 10 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उसे अब अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करनी होगी. जिन प्रोफेशनल्‍स पर यह शर्त लागू होगी उनमें आर्किटेक्‍चर, इंजीनियर, लॉ प्रोफेशनल, आईटी प्रोफेशनल, अकाउंटेंसी, इंटीरियर टेकोरेटर, मेडिकल प्रोफेशनल, फिल्‍म आर्टिस्‍ट और टेक्निकल कंसल्‍टेंसी देने वाले ऐसे लोग शामिल फ्रीलांस कैपिसिटी से सेवाएं प्रदान करते हैं.

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स्रोत पर कर कटौती : स्रोस पर ही टैक्‍स संग्रहण करने के लिए वेतन, संविदा शुल्क, कमीशन, लाभांश, सेवा शुल्क, अचल संपत्ति की बिक्री, किराया और खरीद, ब्याज आय और लगभग सभी स्रोत पर टीडीएस लगाया जाता है. अब सरकार ने उन लोगों के लिए भी आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है जिनकी वित्तीय वर्ष के दौरान टीडीएस या स्रोत पर एकत्र कर की कुल राशि 25,000 रुपये से अधिक है. सीनियर सीटिजन के लिए यह सीमा 50,000 रुपये निर्धारित की गई है.

50 लाख रुपये से ज्‍यादा राशि जमा कराने पर : अगर कोई व्‍यक्ति एक वित्‍त वर्ष में बैंक के सेविंग अकाउंट्स में 50 लाख रुपये जमा कराता है तो उसके लिए भी आईटीआर फाइल करना जरूरी होगा, भले ही उसकी कुल आय भी इनकम टैक्‍स के दायरे में न आती हो.

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