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New Wage Code: कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी राहत, 300 की जगह 450 छुट्टियों के बदले मिल सकता है कैश, ये है तैयारी

New wage code latest news: 1 जुलाई से न्यू वेज कोड को लागू किया जा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकारों ने तैयार ड्राफ्ट भेजने शुरू कर दिए हैं.

New wage code latest news: न्यू वेज कोड को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. ज़ी बिजनेस डिजिटल को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1 जुलाई से न्यू वेज कोड को लागू किया जा सकता है और इसके लिए तैयारियां भी तेज हो गई हैं. देश के 23 राज्यों ने न्यू वेज कोड के लिए ड्राफ्ट तैयार करके भेज दिए हैं. बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) पिछले एक साल से इसे लागू करने की तैयारी कर रही है. न्यू वेज कोड में 4 लेबर कोड (Labour Code) को साथ लाने की तैयार हो रही है. खबर ये भी है कि नए श्रम कानूनों (New wage Code) में कुछ बदलाव किए जाएंगे.

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संसद से हो चुका है पारित

नए लेबर कोड को 2019 में संसद ने पारित किया जा चुका है. इसके तहत सबसे बड़ा बदलाव सरकारी छुट्टियों (Earned leave) को लेकर हो सकता है. बता दें कि अभी सरकारी महकमों में 1 साल में 30 छुट्टियां मिलती हैं. वहीं डिफेंस में 1 साल में 60 छुट्टियां मिलती हैं. इन छुट्टियों को कैश कराया जा सकता है.

कैरी फॉरवर्ड होने पर अभी 300 छुट्टियों को कैश किया जा सकता है. लेकिन न्यू वेज कोड के तहत इन छुट्टियों की संख्या को 300 से बढ़ाकर 450 करने की मांग की गई है. ये मांग लेबर यूनियन (Labour Union) ने की है. 

सैलरी स्ट्रक्चर में होगा बड़ा बदलाव

सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर भी कुछ असहमतियां थीं, लेकिन अब लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) और लेबर यूनियन (Labour Union) के बीच चर्चा के बाद नई ड्राफ्ट गाइनलाइन तैयार की जा रही हैं. अभी तक जो गाइडलाइन तैयार की गई थीं. उसमें कुल CTC का 50% बेसिक सैलरी और 50% अलाउंस में रखने की बात थी. नौकरीपेशा की इनहैंड सैलरी कम होने की चर्चा थी. टैक्स का बोझ बढ़ने की भी संभावनाएं जताई गई थीं. लेकिन, अब स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव आ सकता है. सूत्रों की मानें तो न्यू वेज कोड लागू होते ही अलाउंस के पार्ट को सीधे 50% नहीं रखा जाएगा. बल्कि धीरे-धीरे इन्हें बढ़ाया जाएगा.

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कौन से अलाउंस होंगे शामिल?

भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, इंडस्ट्री ने नए सैलरी स्ट्रक्चर में 50% अलाउंस रखने का विरोध किया था. इसलिए इसे बदला जा रहा है. नए लेबर कोड में बेसिक पे (Basic Salary), महंगाई भत्‍ता (Dearness Allowances – DA) और रिटेनिंग अलाउंसेज भी शामिल होंगे. हाउस रेंट अलाउंसेज (HRA) और ओवरटाइम अलाउंसेज (Overtime Allowances) शामिल नहीं किया जाएगा. अलाउंस के शामिल होने से एम्प्लाई और एम्प्लॉयर को प्रोविडेंट फंड में ज्यादा योगदान करना होगा. ग्रेच्युटी की रकम (Gratuity) भी बढ़ जाएगी.

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