Bihar News: वर्ष 2015 में चुनावी सभा के दौरान सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है. बीते 18 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लालू यादव की पेशी हुई थी जिसके बाद फाइल किए गए बेल पीटिशन पर सुनवाई करते हुए एडीजे-1 की कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी
वैशाली. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में न्यायालय से जमानत दिए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) को एक और मामले में राहत मिली है. वर्ष 2015 में चुनावी सभा के दौरान सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने लालू यादव को बड़ी राहत देते हुए जमानत (Bail Granted) दे दी है. बीते 18 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पेशी हुई थी जिसके बाद फाइल किए गए बेल पीटिशन पर सुनवाई करते हुए एडीजे-1 की कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी.
बता दें कि 27 सितंबर, 2015 को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के तेरसिया में लालू यादव ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया था. उन्होंने अगड़ी और पिछड़ी जातियों की बात की थी. इसको लेकर 29 सितंबर, 2015 को राघोपुर के सर्किल इंस्पेक्टर निरंजन कुमार ने गंगाब्रिज थाना में जातीय टिप्पणी करने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और वोट बांटने का प्रयास के लिए भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने अक्टूबर 2015 में चार्जशीट दाखिल किया था जिसके बाद 2019 में कोर्ट ने दो जमानती और एक गैर-जमानती धारा में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था.
18 अप्रैल को इस मामले में लालू यादव की ऑनलाइन पेशी हुई थी जिसके बाद शनिवार को कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. वकील श्यामबाबू राय ने बताया कि लालू यादव चूंकि जेल में है इसलिए उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी. न्यायालय ने उनके पद और स्वास्थ्य के अलावा उनके आचरण को देखते हुए उन्हें जमानत दी है.