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दिल्ली/एनसीआर

Delhi News: बवाना में पेश की गई मानवता की अनूठी मिसाल, बच्चे को सीवर से निकालने के लिए गंवा बैठा अपनी जान

Delhi News: बच्चे को सीवर में बिलखता देखकर एक टेम्पो चालक से रहा नहीं गया और उसकी जान बचने के लिए अपनी जान गंवा बैठा

Delhi News: मानवता की मिसालें तो आपने बहुत सुनी होंगी लेकिन इस मानवता की बात सुनकर आपकी आंखों में पानी आ जाएगा. बवाना में एक टेंपो चालक चितरंजन चौधरी ने सीवर में फंसे अब्दुल को बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी. दरअसल चितरंजन उस वक्त टेंपो में सामान लेकर नजफगढ़ जा रहा था.

कैसे गई जान ?

चितरंजन को अचानक सेक्टर 4 स्थित सीवर में फंसे अब्दुल की रोने की आवाज आई. बच्चे को बिलखते हुए देखकर उससे रहा नहीं गया और वो अपनी जान को दांव पर लगा कर सीवर में कूद गया, जिसके बाद पुलिस को चितरंजन का शव मिला, गुरूवार को पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिवार को सौंपा गया. 

पढ़ाई के साथ चलाता था टेंपो

एक रिश्तेदार के मुताबिक चितरंजन सात साल पहले दिल्ली उनके पास रहने आया था.  यहां आने के बाद उसने पढ़ाई शुरू की और फिर अपना खर्च उठाने के लिए टैपो भी चलाने लगा. चितरंजन पढ़ लिखकर आगे कुछ करना चाहता था और साथ ही उसका सपना था कि वह लोगों को अपना राज्य छोड़कर दुसरे राज्यों में पलायन करने से रोकना चाहता था. इसके लिए वह जमकर पढ़ाई भी कर रहा था. 

दिल्ली के कॉलेज में एडमिशन लेना चाहता था

परिवारवालों ने बताया कि चितरंजन बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला था. उसकी मां की मौत 20 साल पहले हो चुकी थी. साथ ही पिता और बड़ा भाई मुंबई रहते थे. अपनी पढ़ाई के साथ-साथ चितरंजन टेंपो भी चलाता था. हाल ही में उसने अपनी 12वीं क्लास की पढ़ाई पूरी की थी और दिल्ली के कॉलेज में एडमिशन लेना चाहता था. 

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