मनीकंट्रोल ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि सूत्रों ने बताया है कि भारत घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ तेलों पर टैक्स कम करने की योजना बना रहा है.
नई दिल्ली. भारत घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ तेलों पर टैक्स कम करने की योजना बना रहा है. मनीकंट्रोल ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि सूत्रों ने बताया है कि भारत सरकार इसे लेकर जल्दी ही कोई कदम उठा सकती है, क्योंकि यूक्रेन संकट और इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बाद कीमतों में इजाफा हुआ है.
सूत्रों के अुनसार भारत दुनिया में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक रहा है. पाम तेल के आयात पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस को घटाकर 5 प्रतिशत से कम किए जाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, टैक्स को कितना कम किया जाएगा, यह भी अभी विचाराधीन है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेस अथवा उपकर बेसिक टैक्स रेट्स पर लगाया जाता है और इसका उपयोग कृषि बुनियादी ढांचे और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है. कच्चे पाम तेल पर बेस इम्पोर्ट ड्यूटी सरकार द्वारा पहले ही समाप्त कर दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी नहीं की. कृषि और खाद्य मंत्रालय भी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.
60 प्रतिशत आयात पर निर्भर है भारत
वनस्पति तेल की कीमतों में वृद्धि का भारत पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, क्योंकि हम अपनी आवश्यकता के 60 प्रतिशत के लिए आयात पर निर्भर है. खाद्य तेल की कीमतें पिछले दो साल से बढ़ रही हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले और इंडोनेशिया के घरेलू बाजार की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों से पाम तेल की कीमतों में तेजी आई है.
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कीमतें कंट्रोल करने के लिए भारत ने उठाए ये कदम
भारत ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए, जिसमें पाम, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क कम करना और जमाखोरी को रोकने के लिए माल सीमित करना शामिल है. हालांकि, ये कदम उतने सफल नहीं हो सके, क्योंकि अधिक खरीदारी की अटकलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों को उछाल दिया.
सूत्रों ने बताया कि सरकार अब कैनोला ऑयल, ऑलिव ऑयल, राइस ब्रान ऑयल और पाम कर्नेल ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी 35 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने पर विचार कर रही है. यदि ऐसा होता है तो खाद्य तेलों की कीमत काफी कम हो सकती है.