पिछले वित्त वर्ष में ब्रिटानिया (Britannia) ने अपने उत्पादों के दामों में 10 फीसदी का इजाफा किया था. कंपनी का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. रॉ मैटेरियल महंगा होने से कंपनी के पास अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
नई दिल्ली. यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) और इंडोनेशिया के पाम ऑयल निर्यात पर बैन लगाने के बाद महंगाई (Inflation) बढ़ती ही जा रही है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. कच्चा माल महंगा होने के कारण अब मशहूर बिस्किट ब्रांड गुड डे (Good Day Biscuits) बनाने वाली कंपनी ब्रिटानिया (Britannia) ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर विचार करना शुरू कर दिया है. ब्रिटानिया के उत्पाद 10 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं.
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गौरतलब है की पिछले वित्त वर्ष में ब्रिटानिया ने अपने उत्पादों के दामों में 10 फीसदी का इजाफा किया था. कंपनी का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. इस वजह से रॉ मैटेरियल महंगा होने से कंपनी के सामने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.
महंगे कच्चे माल से हो रही मुश्किल
लाइव मिंट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरूण बेरी का कहना है कि गेहूं, खाद्य तेल और चीनी के दामों में हालिया दिनों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से पैकेज्ड फूड कंपनी को आगे अपने उत्पादों के दामों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है. बेरी का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं के दामों में बढ़ोतरी हुई है. अब इंडोनेशिया के पाम ऑयल के निर्यात पर बैन लगाने से खाद्य तेल भी महंगे हो गए हैं.
10 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम
अगर आगे भी महंगाई पर लगाम नहीं लगती है तो कंपनी अपने प्रोडक्ट 10 फीसदी तक महंगे कर सकती है. बेरी का कहना है कि फिलहाल हमारे लिए काफी मुश्किल समय चल रहा है. हम स्थितियों की समीक्षा मासिक आधार पर कर रहे हैं. हमारी कोशिश रहेगी कि उपभोक्ता पर ज्यादा भार न डाला जाए. लेकिन अगर प्रमुख कमोडिटी के भाव बढ़ते रहे तो हमें कड़ा निर्णय लेना ही होगा.
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गौरतलब है कि भारत यूक्रेन संकट के कारण सप्लाई बाधित होने से गेहूं के दाम दुनियाभर में बढ़ गए हैं. इसका असर भारत पर भी हुआ है. भारतीय गेहूं की निर्यात मांग अचानक बढ़ने से घरेलू बाजार में भी गेहूं के रेट सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से ऊपर चले गए हैं. इसी तरह पहले से ही महंगे खाद्य तेलों की कीमतों में इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर बैन लगाने से और बढ़ोतरी हो गई है.