EPFO की ओर से पिछले वित्तवर्ष के लिए तय की गयी ब्याज दर की राशि इस साल जल्दी खाते में आ जाएगी. मामले से जुड़े दो अधिकारियों का कहना है कि वित्त मंत्रालय EPFO ट्रस्ट की ओर से सुझाए गए 8.1 फीसदी ब्याज को बिना समीक्षा किए मंजूरी दे सकता है.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस साल अपने करोड़ों सब्सक्राइबर को बड़ा तोहफा दे सकता है. EPFO की ओर से वित्तवर्ष 2021-22 का ब्याज का पैसा इस साल जल्द ही कर्मचारियों के खाते में आ जाएगा.
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मनीकंट्रोल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, EPFO से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हर बार की तरह इस साल कर्मचारियों को दिसंबर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. संगठन जल्द ब्याज का पैसा ट्रांसफर करने की तैयारी में है. इसका लाभ ईपीएफओ में पंजीकृत करीब 6 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा. सरकार ने 2021-22 में पीएफ पर 8.1 फीसदी का ब्याज देने की घोषणा की है. वित्तवर्ष 2020-21 में पीएफ का पैसा दिसंबर में ट्रांसफर किया गया था.
दशहरा-दिवाली तक मिल जाएगा पैसा
मामले से जुड़े दो अधिकारियों का कहना है कि श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाला EPFO इस साल दशहरा-दिवाली तक कर्मचारियों के खाते में ब्याज का पैसा भेज देगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वित्त मंत्रालय को 8.1 फीसदी ब्याज दर के प्रस्ताव को मंजूरी देने में ज्यादा मुश्किल आएगी. साथ ही इस साल का ब्याज जल्दी खाते में भेजा जा सकता है. वैसे तो सरकारी सिस्टम में जब तक किसी चीज की ऑफिशियल घोषणा न हो जाए, उसे तय नहीं माना जाना चाहिए. फिर भी इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस साल ब्याज की रकम दो-तीन महीने पहले ही मिल जाएगी.’
दो कारणों से जल्द पैसे मिलने की उम्मीद
अधिकारियों ने बताया कि इस साल ब्याज का पैसा जल्द मिलने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि पीएफ पर ब्याज दर अभी 8.1 फीसदी है, जो 43 साल का निचला स्तर है. ऐसे में वित्त मंत्रालय की ओर से इसकी समीक्षा किए जाने की संभावना काफी कम है. दूसरा कारण ये है कि जल्दी पैसे ट्रांसफर करने से EPFO की वित्तीय स्थिति को लाभ पहुंचेगा और पीएफ सेटलमेंट के दौरान उस पर कम बोझ पड़ेगा.
दो कारणों से जल्द पैसे मिलने की उम्मीद
अधिकारियों ने बताया कि इस साल ब्याज का पैसा जल्द मिलने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि पीएफ पर ब्याज दर अभी 8.1 फीसदी है, जो 43 साल का निचला स्तर है. ऐसे में वित्त मंत्रालय की ओर से इसकी समीक्षा किए जाने की संभावना काफी कम है. दूसरा कारण ये है कि जल्दी पैसे ट्रांसफर करने से EPFO की वित्तीय स्थिति को लाभ पहुंचेगा और पीएफ सेटलमेंट के दौरान उस पर कम बोझ पड़ेगा.
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EPFO को ऐसे मिलेगा फायदा
दरअसल, 2021-22 के लिए तय किए गए ब्याज को जब तक वित्त मंत्रालय से अप्रूवल नहीं मिल जाता EPFO को हर क्लेम का सेटलमेंट पुरानी ब्याज दर पर करना पड़ता है. पुरानी ब्याज दर 8.5 फीसदी है और अगर हाल में तय किए गए 8.1 फीसदी ब्याज को कर्मचारियों के खाते में डाल दिया जाता है तो उनका क्लेम सेटलमेंट नई ब्याज दर पर होगा और EPFO को ज्यादा भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
EPFO अपने पास जमा कुल राशि में से 85 फीसदी को डेट विकल्पों जैसे सरकारी प्रतिभूतियों और बॉन्ड में निवेश करता है, जबकि 15 फीसदी राशि ETF के जरिये शेयर बाजार में लगाता है.