स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पटौदी में एक क्लीनिक में छापेमारी कर डॉक्टर समेत तीन लोगों को पकड़ा है. आरोप है कि क्लिनिक में लिंग परीक्षण की जा रही थी. छापेमारी में क्लिनिक से 45 हजार रुपये और एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद किया गया है.
Gurugram News: देश में लिंग जांच करने बेशक अपराध घोषित किया गया है लेकिन गुरुग्राम में इस तरह के अपराध कम होने के नाम नहीं ले रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पटौदी में एक क्लीनिक में छापेमारी कर डॉक्टर समेत तीन लोगों को पकड़ा है. आरोप है कि क्लिनिक में लिंग परीक्षण की जा रही थी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया है. छापेमारी में क्लिनिक से 45 हजार रुपये और एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद किया गया है
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ प्री-कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (पीसीपीएनडीटी) एक्ट, 1994 और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवैध तरीके से की जा रही लिंक परीक्षण के बारे में सूचना मिली थी. इसके बाद फर्जी ग्राहक भेजकर आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया.
लिंक जांच करने वाले और करवाने वाले खिलाफ सजा का प्रावधान
बता दें कि गर्भधारण करने के बाद और प्रसव से पूर्व भ्रूण की लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है. यानी महिला के पेट में पल रहे बच्चे की जांच करवाना और गर्भ को बिना कोर्ट के आदेश के गिराना कानूनन अपराध माना गया है. भ्रूण परीक्षण के लिए सहयोग देने वाला भी दोषी माना जाता है. लिंक जांच या भ्रूण को गिराने के मामले में दोषी साबित होने पर तीन से पांच साल जेल की सजा और 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है. लिंक जांच करते हुए पकड़े जाने पर अस्पताल या क्लिनिक का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.