पतंजलि का घी पिछले दिनों एक सैंपल टेस्ट में फेल हो गया, जिसके बाद बाबा रामदेव ने कहा था कि हमारी कंपनी का घी विदेशों में पास हो जाता है और भारत में फेल कैसे. ज्यादातर लोग बाबा रामदेव को ही पतंजलि का असली मालिक समझते हैं, जबकि असल चेहरा कोई और ही है. कंपनी को हजारों करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचाने में किसी और का हाथ है.
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नई दिल्ली. पतंजलि का नाम सामने आते ही हर किसी के जेहन में बाबा रामदेव की तस्वीर उतर आती है. ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि बाबा रामदेव ही इस कंपनी के असली मालिक हैं, लेकिन वास्तविकता इससे इतर है.
दरअसल, हर्बल और एफएमसीजी उत्पाद बनाने वाली कंपनी पतंजलि के घी का सैंपल फेल होने के बाद बाबा रामदेव ने हाल में कहा था कि ऐसा कैसे होता है कि उनकी कंपनी के सैंपल ऑस्ट्रेलिया में पास हो जाते हैं और भारत में फेल. इस बयान के बाद भी यही लगा कि पतंजलि बाबा रामदेव की कंपनी है, लेकिन इसके ज्यादातर हिस्से के असली मालिक हैं योग गुरु के बालसखा आचार्य बालकृष्ण.
किसकी ज्यादा हिस्सेदारी
पतंजलि की शुरुआत साल 2006 में हरिद्वार से हुई थी और योग गुरु बाबा रामदेव शुरुआत में इस कंपनी के सिर्फ ब्रांड प्रमोटर थे. कॉरपारेट मंत्रालय के अनुसार, कंपनी की 93 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी आचार्य बालकृष्ण के पास है, जो अभी पतंजलि आयुर्वेद के एमडी, चेयरमैन और सीईओ हैं. बाबा रामदेव की कुल संपत्ति करीब 20 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा रॉयल्टी के तौर पर आता है. बाबा रामदेव कंपनी के ब्रांडिंग प्रमोटर हैं और कंपनी की मार्केटिंग के लिए योग गुरु के तौर पर अपने चेहरे का इस्तेमाल करते हैं.
कौन हैं पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण
बालकृष्ण सुवेदी, जिन्हें आचार्य बालकृष्ण के नाम से जाना जाता है, उनके माता-पिता नेपाल के रहने वाले थे और बाद में भारत आ गए थे. हरियाणा के एक गुरुकुल में साल 1995 में उनकी मुलाकात बाबा रामदेव से हुई थी. शुरुआत में उन्होंने दिव्य फार्मेसी के नाम से कारोबार शुरू किया, जो बाद में पतंजलि ब्रांड बन गया. कंपनी में शीर्ष पदों पर भर्ती से लेकर मार्केटिंग और ब्रांडिंग तक सभी काम आचार्य बालकृष्ण ही देखते हैं.
नहीं लेते एक भी रुपये की सैलरी
करीब 40 हजार करोड़ रुपये के पतंजलि समूह के मालिक और सीईओ आचार्य बालकृष्ण एक भी रुपये की सैलरी नहीं लेते हैं. समूह के तहत वे करीब 34 कंपनियों और तीन ट्रस्ट की अगुवाई करते हैं. हालांकि, उनकी कुल संपत्ति करीब 25 हजार करोड़ रुपये है. उनके अथक प्रयासों से ही साल 2017 तक 10 हजार करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली पतंजलि अब 40 हजार करोड़ का टर्नओवर पार कर चुकी है. पिछले दिनों बाबा रामदेव ने कहा था कि अगले पांच साल में पतंजलि का टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा.
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विवादों से भी रहा है नाता
हमेशा सादगी भरे लिबास और मीडिया की लाइमलाइट से दूर रहने वाले आचार्य बालकृष्ण को भी साल 2011 में बड़े विवाद का सामना करना पड़ा था. उन पर धोखाधड़ी और फर्जी डिग्री के सहारे भारतीय पासपोर्ट लेने का आरोप लगा था. संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी से आचार्य बालकृष्ण की हाई स्कूल और संस्कृत की डिग्री ऑफिशियल रिकॉर्ड से गायब हो गई थी. सीबीआई ने भी कहा था कि उनका पासपोर्ट फर्जी एजुकेशनल डिग्री पर जारी किया गया और उनकी भारतीय नागरिकता भी सवालों के घेरे में है. हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में इस केस को बंद कर दिया गया था.