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कहां जाता है PPF, EPF या पोस्‍ट ऑफिस में जमा वो फंड, जिसे कोई नहीं करता क्लेम! जानिए

PPF

किसी अकाउंट के निष्क्रिय होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अकाउंट होल्‍डर की मौत होना, परिवार वालों को मृतक के अकाउंट के बारे में जानकारी न होना, गलत पता या फिर खाते में नॉमिनी दर्ज न होना.

नई दिल्‍ली. देश में बड़ी संख्‍या में बैंक खाते, पब्लिक प्रोविडेंड अकाउंट्स और पोस्‍ट ऑफिस की विभिन्‍न योजनाओं के खाते निष्क्रिय हो जाते हैं. एक निश्चित समयावधि के बाद इन खातों में पड़ी राशि को अनक्‍लेम्‍ड अमाउंट घोषित कर दिया जाता है. यह राशि वह है जिस पर कोई लंबे समय से दावा करने नहीं आता है. लंबे समय तक अनक्‍लेम्‍ड रहने के अलग-अलग योजनाओं के खातों में जमा पैसे को भिन्‍न-भिन्‍न फंड में भेज दिया जाता है.

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किसी अकाउंट के निष्क्रिय होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अकाउंट होल्‍डर की मौत होना, परिवार वालों को मृतक के अकाउंट के बारे में जानकारी न होना, गलत पता या फिर खाते में नॉमिनी दर्ज न होना. इसके अलावा कई बार अकाउंट होल्‍डर भी अपने खाते के बारे में भूल जाता है. इस तरह अलग-अलग संस्थानों में लोगों के करोड़ों रुपये बिना किसी दावे के पड़े हैं. जिस पैसे को एक खास अवधि तक क्लेम नहीं करते, वह एक खास फंड में जमा हो जाता.

सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड
पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट्स, ईपीएफ, आरडी और इंश्‍योरेंस खातों का बिना क्लेम वाला पैसा SCWF फंड में जमा होता है. इस फंड की स्थापना 2015 में की गई थी. इस फंड में पैसा ट्रांसफर करने से पहले पीपीएफ, ईपीएफ, आरडी चलाने वाली संस्थाएं ग्राहकों से संपर्क करती हैं और पैसे लेने के लिए कहती हैं. अगर खाता मैच्योर होने के 7 साल तक पैसे नहीं निकाले गए तो सीनियर सिटीजन फंड में भेज दिए जाते हैं. फंड में पैसा ट्रांसफर होने के 25 साल के अंदर जमाकर्ता अपना पैसा निकाल सकता है. पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट्स या ईपीएफ के अनक्‍लेम्‍ड खातों से पैसा निकालने के लिए सीनियर सिटीजंस फंड से ही संपर्ककरना होता है. खाताधारक या नॉमिनी कुछ कागजी कार्रवाई करके अपना पैसा निकाल सकते हैं.

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इनवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड
म्यूचुअल फंड और स्टॉक से जुड़ा बिना दावे वाला पैसा इस फंड में जमा होता है. 7 साल तक म्यूचुअल फंड का पैसा और डिविडेंड अगर जमाकर्ता नहीं लेता है, तो उसे आईईपीएफ फंड (Investor Education and Protection Fund) में भेज दिया जाता है. जमाकर्ता इसकी वेबसाइट iepf.gov.in पर विजिट कर अपने अनक्लेम्ड डिपॉजिट के बारे में जानकारी ले सकते हैं और उसे पाने का तरीका जान सकते हैं.

डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड
यदि कोई उपभोक्ता अपने बचत खाता, चालू खाता, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट खाते में 10 साल तक कोई लेनदेन नहीं करता है, तो उस खाते में जमा रकम अनक्लेम्ड हो जाती है. इस बिना दावे की राशि को रिजर्व बैंक के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में डाल दिया जाता है. अगर किसी निष्क्रिय बैंक अकाउंट के डॉक्‍यूमेंट में किसी नॉमिनी का नाम दर्ज है तो नॉमिनी आसानी से अनक्‍लेम्‍ड राशि पर दावा कर सकता है. नॉमिनी को खाताधारक का मृत्‍यु प्रमाण-पत्र देना होगा. साथ ही उसे अपने केवाईसी डॉक्‍यूमेंट भी देने होंगे.

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