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Investment Tips : निवेशक कभी ना करें ये 5 गलतियां, पता भी नहीं चलेगा कहां चला गया प्रॉफिट

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बारिश का सीजन (Rainy Season) हो और आपके घर की छत में एक छेद हो जाए, तो आप क्या करेंगे? क्या आप छेद बंद करवाने के लिए बारिश का सीजन खत्म होने का इंतजार करेंगे। क्या आप इसे अगले हफ्ते या अगले महीने तक टालेंगे। जाहिर है, आप तुरंत उस छेद को बंद करने का इंतजाम करेंगे। क्या हम इसी तरह का व्यवहार अपने निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) के साथ करते हैं? निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) भी आपके घर की छत जैसा ही है। इसमें भी कोई गलती हो जाने पर तुरंत कदम उठाना होता है। अगर ऐसा नहीं किया, तो आप अपने मुनाफे से हाथ धो सकते हैं। अक्सर लोग अपने पोर्टफोलियो को नियमित अंतराल पर नहीं देखते। आज हम आपको उन पांच गलतियों के बारे में बताएंगे, जो निवेशक अक्सर करते हैं।

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अपनी क्षमता से अधिक जोखिम नहीं लें

अगर निवेशक लंबे समय से अपने पोर्टफोलियो पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो वे खुद को बड़े जोखिम में डाल रहे हैं। निवेश की रिस्क प्रोफाइल (Risk Profile) समय के साथ बदलती रहती है। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को देखें, तो ये अपने मेंडेट्स बदलते रहते हैं और दूसरी कैटेगरीज में जाते रहते हैं। वे खुद को ओरिजनल रिस्क प्रोफाइल (Original Risk Profile) के साथ बांध कर नहीं रखते हैं। यहां तक की नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी निवेश नियमों में बदलाव करती रहती है। डेट फंड (Debt Fund) में यह महत्वपूर्ण होता है कि लिक्विडिटी या क्रेडिट प्रोफाइल (Credit Profile) में किसी भी गड़बड़ पर ध्यान दिया जाए। इसलिए आपको अपने निवेश की रिस्क प्रोफाइल में किसी भी बदलाव पर गौर करना चाहिए और सही कदम उठाना चाहिए।

ज्यादा टैक्स देनदारी से बचें

निवेश आय (Investment Income) पर अधिक टैक्स देनदारी एक ऐसी गलती है जो अक्सर लोगों के पोर्टफोलियो में मिल जाती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो निवेश विकल्प का चयन करते समय टैक्स देनदारी पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में टैक्स देनदारी के चलते उनका रिटर्न काफी कम रह जाता है। जब भी आप किसी निवेश विकल्प का चुनाव करें, तो ध्यान दें कि निवेश राशि, ब्याज आय (Interest Income) और मैच्योरिटी की रकम (Maturity Amount) पर क्या टैक्स देनदारी बन रही है। हमें कम से कम टैक्स देनदारी वाले निवेश विकल्प को चुनना चाहिए। कई स्मॉल स्कीम्स ऐसी भी हैं, जहां निवेशक पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती है। ऐसे निवेश विकल्प EEE स्टेटस के साथ आते हैं। अर्थात यहां निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।

लिक्विडिटी गेप को भरें

किसी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी (Liquidity) पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। निवेशक रिटर्न और सेफ्टी को लेकर काफी जागरुक रहते हैं, लेकिन लिक्विडिटी को भूल जाते हैं। किसी भी समय आपके पोर्टफोलियो में पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। आप नहीं जानते कि कब कोई फाइनेंशियल इमरजेंसी आप पर आ जाए। महामारी का समय हमें याद दिलाता है कि हमारे पास हमेशा पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। अर्थात आपके पास हमेशा कुछ राशि ऐसी जगह हो, जहां से आप उसे कभी भी बिना कोई नुकसान उठाए निकाल सकें।

उच्च लागत से बचें

लोकप्रिय निवेश विकल्पों (Popular Investment Options) के साथ आ रही लागतों की अवहेलना नहीं करें। ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान्स (Traditional Insurance Plans) भारी लागत के साथ आते हैं, जो शुरुआती वर्षों में आपके प्रीमियम (Premium) का एक हिस्सा खा जाती है। पहले साल के प्रीमियम पर लागत 70 से 90 फीसद तक उच्च हो सकती है और हर रिन्यूअल पर 15 से 20 फीसद खा जाती है। साथ ही ये प्लान्स भारी सरेंडर पेनल्टीज के साथ आते हैं, जो आपके लिए समय से पूर्व निकासी को महंगा बना देती हैं। इनकी तुलना में यूलिप (Ulip) प्लान इस समय कम एंबेडेड लागत के साथ आते हैं।

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मुनाफे से नहीं चूकें

अगर आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को चेक नहीं करते हैं और सही कदम नहीं उठाते हैं, तो इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप अपने मुनाफे को गंवा रहे हैं। मार्केट को टाइम करना, निवेश को रोक देना और निवेश को दोबारा शुरू करना ऐसे कदम हैं जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप इक्विटी (Equity) में निवेश करते हैं तो टार्गेट (Target) और स्टॉपलॉस (Stoploss) रखना बेहतर है। इससे आप अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं। गिरावट का अंदेशा होने पर फ्रेश मार्केट पीक में बिकवाली करने वाला निवेशक अपने फैसले पर पछताता नहीं है। अगर बाजार नई ऊंचाई की ओर बढ़ता है, तो वह निवेशक फिर से बाजार में पैसा लगा सकता है। बाजार में तेजी को पकड़ने के लिए लगातार निवेश करते रहना एक सही फैसला है।

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