Symptoms of Stress : दुनिया में मौजूद हर व्यक्ति कभी न कभी तनाव का शिकार जरूर होता है. तनाव कई बार घातक रूप भी ले लेता है. इसलिए तनाव का असर दिखे उससे पहले ही जान लें तनाव के लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं.
Symptoms of Stress : जब हमारे जीवन में या जीवनचर्या में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो तनाव शरीर की सबसे पहली प्रतिक्रिया होती है. इसके परिणामस्वरूप शारीरिक, भावनात्मक और बौद्धिक प्रतिक्रियाएं भी होती हैं. तनाव प्रबंधन प्रशिक्षण (Stress Management Training) आपको स्वस्थ तरीके से इन परिवर्तनों के साथ सामंजस्य बिठाने में मदद कर सकता है.
तनाव क्या है – What is stress?
तनाव एक बहुत ही साधारण मानवीय प्रतिक्रिया है, जो हर व्यक्ति के साथ होता है. असल में मानव शरीर की बनावट ही ऐसी है कि वह तनाव का अनुभव करे और उस पर प्रतिक्रिया भी दे. जब आप परिवर्तनों या चुनौतियों (तनाव) को अनुभव करते हैं, तो आपका शरीर शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रियाएं करता है. असल में इसे ही तनाव कहा जाता है.
तनाव प्रतिक्रियाएं आपके शरीर को नई परिस्थितियों और चुनौतियों से सामंजस्य बिठाने में मदद करती हैं. तनाव सकारात्मक हो सकता है. यह हमें सतर्क, प्रेरित और खतरे से बचने के लिए तैयार रखता है. उदाहरण के लिए जल्द ही आपका कोई टेस्ट होने वाला है तो आपका स्ट्रेस रिस्पॉन्स आपके शरीर को कठोर मेहनत करने और लंबे समय तक जागने के लिए तैयार करता है. लेकिन तनाव कई बार समस्या भी बन जाता है, खासतौर पर तब, जब तनावग्रस्त व्यक्ति बिना किसी राहत और विश्राम के इसी तनाव में जीता रहता है.
तनाव के दौरान आपके शरीर के साथ क्या होता है – What happens to the body during stress?
आपके शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम हार्ट रेट, सांस और नजर में बदलाव को नियंत्रित करता है. ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम की तनाव को नियंत्रित करने वाली प्रतिक्रिया शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करने में मदद करती है. जब किसी व्यक्ति को लंबे समय तक (पुराना) तनाव होता है, तो तनाव तनाव की वजह से शरीर में आंतरिक टूट-फूट होती है. इस तरह से शारीरिक, भावनात्मक और व्यहार संबंधी लक्षण विकसित होते हैं.
तनाव के शारीरिक लक्षणों में शामिल हैं –
- दर्द और चुभन
- सीने में दर्द या ऐसा लगना जैसे दिल की धड़कन बहुत बढ़ गई हो
- थकावन या सोने में परेशानी महसूस होना
- सिरदर्द, चक्कर आना या कंपकंपी
- हाई ब्लड प्रेशर
- मांसपेशियों में तनाव या जबड़े का अकड़ना
- पेट और पाचन संबंधी समस्याएं होना
- शारीरिक संबंध बनाने में समस्या होना
- प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना
तनाव की वजह से निम्न भावनात्मक और मानसिक लक्षण भी हो सकते हैं –
- घबराहट और चिड़चिड़ापन
- डिप्रेशन
- पैनिक अटैक
- उदासी रहना
आमतौर पर लंबे समय तक तनाव से पीड़ित रहने वाले लोग अनहेल्दी तरीकों से इस तनाव से उबरने की कोशिश करते हैं, जैसे –
- बहुत अधिक और बार-बार शराब का सेवन करना
- जुआ खेलना
- ज्यादा खाना या कई बार उनमें ईटिंग डिसऑर्डर विकसित हो जाता है
- सेक्स, शॉपिंग और इंटरनेट पर बहुत अधिक समय बिताना
- धूम्रपान करना
- ड्रग्स का सेवन करना
तनाव का निदान कैसे होता है – How is stress diagnosed?
तनाव व्यक्तिपरक होता है, इसका किसी टेस्ट के जरिए परीक्षण नहीं किया जा सकता है. जिस व्यक्ति को तनाव होता है, सिर्फ वही बता सकता है कि उसे तनाव है और किस स्तर तक गंभीर है. स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति, मनोचिकित्सक या मनोरोग विशेषज्ञ आपसे कुछ खास किस्म के प्रश्न पूछकर आपकी स्थिति का आंकलन कर सकता है और पता लगाने की कोशिश कर सकता है कि यह कैसे आपके जीवन को प्रभावित कर रहा है.
अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं तो आपके चिकित्सक इस तनाव की वजह से होने वाले लक्षणों का मूल्यांकन कर सकते हैं. उदाहरण के लिए तनाव में हाई ब्लड प्रेशर का निदान और इलाज किया जा सकता है.
तनाव से राहत पाने के लिए क्या करें – What are some strategies for stress relief?
- आप और कोई भी व्यक्ति तनाव से हमेशा के लिए बचकर नहीं रह सकता. लेकिन कुछ दैनिक अभ्यास के जरिए आप तनाव से राहत मिल सकती है.
- जब भी आपको तनाव के लक्षण महसूस हों, तो व्यायाम करें. यहां तक कि एक छोटी सी वॉक से भी आपका मूड बदल सकता है.
- रात को सोने से पहले नियमित तौर पर यह सोचें कि आज आपने क्या कुछ हासिल कर लिया. लेकिन ध्यान रहे उन चीजों के बारे में न सोचें जो आप आज नहीं पा सके.
- नियमित तौर पर हर रोज, हफ्ते और महीने के लिए अपने लक्ष्य निर्धारित करें. अपने दृष्टिकोण को संक्षिप्त रखकर आप दीर्घकालिक कार्यों को करने में स्वयं को ज्यादा सहज महसूस करेंगे.
- अपनी चिंताओं के बारे में किसी डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें.
तनाव से बचने के उपाय – What are some ways to prevent stress?
कुछ उपाय हैं, जिन्हें आप नियमित तौर पर अपनाकर तनाव को अपने से दूर रख सकते हैं. चलिए आज उन तरीकों के बारे में जानते हैं –
- मेडिटेशन, योग, ताई-ची, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मसल रिलेक्सेशन जैसी कुछ रिलेक्सेशन गतिविधियों को अपनाएं. इस तरह के कार्यक्रम आज ऑनलाइन उपलब्ध हैं, आप चाहें तो मोबाइल एप पर भी इनका लाभ ले सकते हैं और जिम व कम्युनिटी सेंटरों में भी इस तरह की गतिविधियां करवाई जाती हैं, ताकि आप स्वयं को तनाव से दूर रख सकें.
- आपका सच्चा साथी आपका शरीर ही है, इसलिए नियमित तौर पर अपने शरीर का धियान रखें. स्वस्थ खाना खाएं, नियमित तौर पर व्यायाम करें, पूरी नींद लें ताकि आप तनाव को अच्छे से मैनेज कर सकें.
- हमेशा पॉजिटिव रहें और आपके जीवन में जो कुछ अच्छा है उसको सेलिब्रेट करें, न कि जो नहीं है उसका विलाप
- इस बात को आत्मसात कर लें कि आप हर चीज को कंट्रोल नहीं कर सकते. जिन हालातों को आप नहीं बदल सकते, उनके बारे में चिंता करना छोड़ दें.
- हर कार्य के लिए तैयार हो जाना आपकी खासियत ही सही, लेकिन आपको ना कहना भी सीखना चाहिए, ताकि आप ज्यादा जिम्मेदारियों की वजह से ज्यादा तनाव में न रहें.
- ऐसे लोगों से जुड़े रहें, जो आपको शांत रखने के साथ ही खुश रख सकें. हर परिस्थिति में आपको भावनात्मक समर्थन दें. परिवार का कोई सदस्य, कोई दोस्त या पड़ोसी बड़ी जिम्मेदारी से आपको सुन सकता है और तनाव को मैनेज कर सकते हैं.
तनाव कितने दिन तक रहता है – How long does stress last?
तनाव कम समय के लिए हो सकता है और कोई व्यक्ति लंबे समय तक भी इससे परेशान रह सकता है. तनाव की अवधि इस बात पर निर्भर करता है कि आपके जीवन में क्या बदलाव आया है. अगर आप नियमित तौर पर तनाव को मैनेज करने के उपायों की प्रैक्टिस करते हैं तो तनाव के शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक लक्षणों से आसानी से पार पा सकते हैं.
डॉक्टर से कब मिलें – When should I talk to a doctor about stress?
जब भी आप तनाव महसूस करते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करें. अगर आप तनाव से पार पाने के लिए शराब पीने लगे हैं, ड्रग्स का सेवन करने लगे हैं या आपको स्वयं को नुकसान पहुंचाने के विचार आ रहे हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आपका डॉक्टर आपको सलाह देने के साथ ही थैरेपी सलाह भी दे सकता है.