Govt. Scheme for Farmers: किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए किसानों के कल्याण के लिए गठित कई समितियों ने सरकारों को आवश्यक सुझाव दिए हैं. इन समितियों के सुझाव और किसानों की मौजूदा दशा में सुधार लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की.
नई दिल्ली. भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की 60 फीसदी आबादी आमदनी के लिए कृषि आधारित कामों पर आश्रित है. आजादी के बाद से तमाम सरकारों ने किसानों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई हैं ताकि उनकी समस्याओं को दूर किया जा सके और उनके जीवन में खुशहाली आए. किसानों के कल्याण के लिए गठित कई समितियों ने सरकारों को आवश्यक सुझाव दिए हैं, जिनके जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जा सके. उन्हें उनकी फसलों का उचित दाम मिल सके.
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इन समितियों के सुझाव और किसानों की मौजूदा दशा में सुधार लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की. इनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट योजना समेत कई स्कीम शामिल हैं, जो किसानों के हित के लिए चलाई गई है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसानों की भलाई के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. साल 2018 में शुरू हुई इस स्कीम के अंतर्गत किसान को 6,000 रुपये प्रति वर्ष तीन किस्तों में मिलते हैं. यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में आती है. हर 4 महीने में किसानों को 2,000 रुपये मिलते हैं.
आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 8 किश्तें जारी की जा चुकी है और अब किसानों 9वीं किश्त जल्द ही मिलनें की संभावना है. इस स्कीम के माध्यम से किसानों को आर्थिक स्थिति सुधारनें में काफी सहायता मिलती है. इस कल्याणकारी योजना के तहत अब तक किसानों को 11 किस्तों में पैसे मिल चुके हैं. अब 12वीं किस्त की राशि 17 अक्टूबर को किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
अक्सर तेज बारिश, आंधी तूफान और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की खेतों में लहलहाती फसल बर्बाद हो जाती है. इस तरह के भारी नुकसान के कारण किसानों के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है और इसके चलते वे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं. किसानों की इस तरह की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी.
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इस स्कीम के तहत बुआई के पहले से और फसल की कटाई के बाद तक के लिए बीमा सुरक्षा मिलती है. फसल बीमा योजना में रबी, खरीफ की फसल के साथ-साथ कारोबारी और बागबानी फसलें भी शामिल हैं. हालांकि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम भुगतान करना होता है.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में हुई थी. इस कार्ड की मदद से किसानों को कम ब्याज दर पर लोन आसानी से मिल जाता है. लोन की राशि से किसान खेती के लिए बीज, कीटनाशक और अन्य कृषि सामग्री खरीद सकते हैं. खास बात है कि अगर किसान इस योजना के तहत लिए लोन को एक साल के अंदर चुका देते हैं तो उन्हें ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट मिलती है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
खेती के जरिए देश का पेट पालने वाले किसानों को वृद्धावस्था में केंद्र की मोदी सरकार ने पेंशन की सौगात दी है. इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद नौकरीपेशा लोगों की तरह किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने के बाद न्यूनतम 3000 रुपये माह पेंशन दी जाती है. हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 55 रुपए से लेकर 200 रुपये तक प्रतिमाह 60 वर्ष की आयु तक जमा करना होता है. 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद उन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाई अपने नजदीकी सीएससी सेंटर में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके अलावा आप इस योजना आधिकारिक वेबसाइट https://maandhan.in/ पर जाकर भी रजिस्ट्रेश कर सकते हैं.
पशुधन बीमा योजना
ग्रामीण भारत में कृषि और पशुपालन किसानों की आय का मुख्य जरिया है. मवेशियों की अचानक मौत हो जाने पर किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है और इसकी भरपाई के लिए पशुधन बीमा योजना लाई गई है. इस स्कीम के तहत दुधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा किया जाता है. बीमाधन उनके अधिकतम वर्तमान बाजार मूल्य पर होता है.
इस योजना में इंश्योरेंस का 50 प्रतिशत प्रीमियम केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है. बीमा अवधि में अगर कोई किसान अपने पशुओं को बेच देता है और बीमा पॉलिसी समाप्त न हुई हो तो पॉलिसी की शेष अवधि का लाभ नये किसान या स्वामी को मिलता है.