Puja Vidhi: घर, मंदिर, विशेष अनुष्ठान, समय और परिस्थिति के अनुरूप हम छोटी या बड़ी पूजा पद्धति के साथ भगवान की पूजा करते हैं. शास्त्रों में पूजा के कई प्रकार बताए गए हैं. पूजा के लिए मुख्यत: पंचोपचार, दशोपचार और षोडशोपचार इन तीन विधियों का पालन
Hindu Puja Vidhi: हिंदू धर्म में हर घर पर पूजा-पाठ किए जाते हैं. पूजा-पाठ करना हिंदू धर्म का अभिन्न अंग है. पूजा के माध्यम से हम ईश्वर के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता और धन्यवाद प्रकट करते हैं. घर के अलावा मंदिरों में भी नियमित तौर पर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. घर, मंदिर और अनुष्ठान सभी में पूजा की विधियां बदल जाती है क्योंकि समय और परिस्थिति के अनुसार छोटी या बड़ी पूजा की जाती है. छोटी पूजा की बात करें तो इसमें घर पर नियमित तौर से की जाने वाली पूजा-पाठ शामिल होती हैं, जिनमें आमतौर पर पंचोपाचार पूजा विधि का पालन कर सकते हैं. वहीं विस्तृत पूजा की बात करें तो इसके लिए दशोपचार और षोडशोपचार विधि का पालन करना पड़ता है.
शास्त्रों में पूजा करने के लिए कुछ जरूरी विधियां बताई गई हैं, जिन्हें पंचोपचार, दशोपचार और षोडशोपचार पूजन विधि कहा जाता है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं इन तीन पूजा विधियों के चरण-दर-चरण नियमों के बारे में.
पंचोपचार पूजन विधि- इसमें पांच विधियों से पूजा की जाती है, जिसमें गंध, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य शामिल होता है. सबसे पहले भगवान को गंध यानि चंदन, हल्दी या कुमकुम का तिलक लगाएं. ताजे पुष्प अर्पित करें. फिर धूप या अगरबत्ती लगाएं. इसके बाद दीपक प्रज्जवलित करें और आखिर में नैवेद्य निवेदित करें.
दशोपचार पूजन विधि– इसमें 10 चरणों के साथ भगवान की पूजन की जाती है, जिसमें पाद्य, अर्घ्य, आमचन, स्नान, वस्त्र, गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य शामिल होते हैं. यदि आपके घर पर मंदिर है और आपने विधि-विधान से देवता को घर पर स्थापित किया है तो दशोपचार विधि से प्रतिदिन जरूर पूजा करें.
षोडशोपचार पूजन विधि- षोडशोपचार विधि से पूजा करने पर 16 चरणों में पूजा की जाती है. इसमें पाद्य, अर्घ्य, आमचन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र (यज्ञोपवीत या जनेऊ) आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, स्तवन पाठ, तर्पण और नमस्कार किया जाता है.