ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर होती है. ऐसे में एक साल के एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
नई दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बैंक ने अलग-अलग अवधि के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 15 बेसिस प्वाइंट यानी 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 15 नवंबर, 2022 से लागू हो गई हैं.
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बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, बैंक ने एक साल की एमसीएलआर को 0.10 फीसदी बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया है. अभी तक यह 7.95 फीसदी थी. 2 साल और 3 साल की एमसीएलआर को भी 0.10 फीसदी बढ़ाकर क्रमश: 8.25 फीसदी और 8.35 फीसदी किया गया है. एक माह और तीन महीने की एमसीएलआर को 0.15 फीसदी बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया गया है. 6 माह की एमसीएलआर 0.15 फीसदी बढ़ाकर 8.05 फीसदी और एक दिन की 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.60 फीसदी की गई है.
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
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RBI ने लगातार चौथी बार बढ़ाई है रेपो रेट
गौरतलब है कि देश में बढ़ती महंगाई रोकने के लिए आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाई है. अब रेपो रेट 5.90 फीसदी तक पहुंच गई है. बीते 30 सितंबर को आरबीआई की एमपीसी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया जाएगा. अब रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़कर 5.90 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले, मई में 0.40 फीसदी वृद्धि के बाद जून और अगस्त में 0.50-0.50 फीसदी की वृद्धि की गई थी.