दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान जान सकेगा. इससे फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर रोकथाम लगेगी और आम लोगों को इससे सीधे तौर पर फायदा होगा.
नई दिल्ली. ट्राई ने बार-बार परेशान करने वाली स्पैम फोन कॉल पर लगाम लगाने की पहल की है. टेलीकॉम रेगुलेट्री ऑथेरिटी ऑफ इंडिया ने मोबाइल पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देने की व्यवस्था को लेकर सार्वजनिक परामर्श का दौर शुरू कर दिया है. ट्राई ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है.
इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसंबर तक विचार आमंत्रित किए गए हैं. उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे. बता दें कि अभी तक ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी एंड एंटी-स्पैम जैसे मोबाइल ऐप की मदद से मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते हैं. लेकिन इन ऐप पर नजर आने वाले नाम पूरी तरह भरोसेमंद स्रोत पर आधारित नहीं होते हैं.
ट्राई के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान जान सकेगा. इसका मतलब आपके मोबाइल में चाहें नंबर सेव हो या नहीं लेकिन कॉल करने पर आपको नंबर दिखाई देगा. इससे फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर रोकथाम लगेगी और आम लोगों को इससे सीधे तौर पर फायदा होगा.
फ्रॉड कॉल पर लगाम लगाने में मिलेगी मदद
इसको लेकर टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. ट्राई का मानना है कि इस कदम के बाद स्पैम और फ्रॉड के केस कम आएंगे. इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी एवं व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा.