नौकरीपेशा व्यक्ति को पीएफ व अन्य भत्तों के साथ ग्रेच्युटी का लाभ भी दिया जाता है. यह राशि कर्मचारी की कमाई से ही काटी गई रकम होती है जो उसे इस्तीफा देने या रिटायरमेंट के बाद मिलती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह रकम कर्मचारी की आमदनी मानी जाएगी और इस पर भी अन्य कमाई की तरह टैक्स देना पड़ेगा.
नई दिल्ली. नौकरीपेशा व्यक्ति चाहे सरकारी सेक्टर का हो या प्राइवेट एक निश्चित समय के बाद उसे ग्रेच्युटी का फायदा मिलता है. श्रम कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति लगातार साढ़े 4 साल से ज्यादा समय तक काम करता है तो उसे ग्रेच्युटी के रूप में बड़ी धनराशि मिलती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता कि उस कर्मचारी ने कितने समय नौकरी में गुजारे हैं.
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दरअसल, ग्रेच्युटी कंपनी या नियोक्ता की ओर से दी जाने वाली ऐसी राशि होती है जो नौकरी के दौरान कर्मचारी के खाते से धीरे-धीरे काटी जाती है. जाहिर है कि ग्रेच्युटी के रूप में मिला पैसा भी एक तरह से आपकी कमाई का हिस्सा होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अन्य आमदनी की तरह इस पैसे पर भी कर्मचारी को टैक्स चुकाना होगा. इस बारे में जब हमने टैक्स मामलों के एक्सपर्ट से बात की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं.
निवेश और टैक्स मामलों के जानकार मनोज जैन का कहना है कि ग्रेच्युटी एक तरह से कर्मचारी के वेतन का ही हिस्सा होता है, जिसे कंपनी धीरे-धीरे काटती है और एक निश्चित समय के बाद जब कर्मचारी इस्तीफा देता है या रिटायर होता है तो यह राशि एकमुश्त दे दी जाती है. इस पर आयकर नियमों के तहत टैक्स छूट का प्रावधान है, लेकिन सरकारी और निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट की सीमा में बड़ा अंतर दिखता है.
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कितनी है सरकारी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट
मनोज जैन का कहना है कि पहले सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली 10 लाख रुपये तक की रकम टैक्स छूट के दायरे में रहती थी, लेकिन साल 2018 में कानून में बदलाव कर सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है. यानी अब सरकारी कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक के ग्रेच्युटी भुगतान पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा.
प्राइवेट सेक्टर को कितनी छूट
जैन के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट की राशि अभी 10 लाख रुपये तक ही सीमित है और ऐसे कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के रूप में 10 लाख से ज्यादा मिलने वाली रकम पर अपने स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. हालांकि, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी पर ज्यादा टैक्स छूट दिलाने पर मंथन चल रहा है और भविष्य में इस पर फैसला होता है तो उन्हें भी 20 लाख रुपये तक के भुगतान पर टैक्स छूट मिलेगी.