अटल पेंशन योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी. इस स्कीम के तहत 60 साल तक व्यक्ति को अंशदान करना होता है. 60 साल के बाद उसे 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक मासिक पेंशन दी जाती है.
बुढ़ापे पर रेगुलर इनकम को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की ओर से अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) की शुरुआत 2015 में की गई थी. इस स्कीम के तहत 60 साल तक व्यक्ति को अंशदान करना होता है. 60 साल के बाद उसे 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक मासिक पेंशन दी जाती है. पेंशन की राशि व्यक्ति के कुल कंट्रीब्यूशन के आधार पर तय की जाती है. पहले इस स्कीम में कोई भी व्यक्ति अपना योगदान करके बुढ़ापे में अपनी पेंशन को सुनिश्चित कर सकता था, लेकिन 1 अक्टूबर 2022 से इस योजना के नियमों में बदलाव कर दिया गया है. अब टैक्सपेयर्स इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते. ये योजना सिर्फ नॉन टैक्सपेयर्स के लिए है.
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लेकिन मान लीजिए कि कोई व्यक्ति जो इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन करवा चुका है, लेकिन वो इसे जारी नहीं रखना चाहता, तो क्या उसके लिए Premature Exit का कोई विकल्प मौजूद है? इसके अलावा किन स्थितियों में ये खाता बंद हो जाता है? ऐसे तमाम सवाल हैं, जो लोगों के जेहन में आते तो हैं, लेकिन उनके जवाब उन्हें आसानी से नहीं मिल पाते. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में.
60 साल से पहले Exit हो सकता है या नहीं?
अगर आप 60 साल तक अटल पेंशन के खाते को जारी नहीं रख पा रहे हैं और इससे एग्जिट करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कभी भी कर सकते हैं, लेकिन Premature Exit की स्थिति में आपको सिर्फ आपके अकाउंट में आपकी ओर से जमा की गई रकम ही वापस की जाएगी. सरकार की ओर से जमा किया गया पैसा आपको नहीं मिलेगा.
किन स्थितियों में बंद हो जाता है खाता?
अगर आप किसी कारण से अपनी बीच की कोई किस्त जमा नहीं कर पाते हैं, तो इससे एकदम से आपका खाता बंद नहीं किया जाता. आप बाद में पेनाल्टी देकर किस्त को आगे जारी रख सकते हैं. लेकिन अगर आप 6 महीने तक कोई धनराशि जमा नहीं करते हैं, तो आपके खाते को सील कर दिया जाता है. सालभर तक राशि जमा नहीं करते हैं तो खाते को निष्क्रिय कर दिया जाता है और दो साल तक अंशदान जमा न करने पर आपके खाते को सरकार की तरफ से बंद कर दिया जाता है.
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किन लोगों को नहीं मिलता है इस योजना का लाभ?
1 अक्टूबर से इस योजना के नियमों में बदलाव किया गया है. ऐसे लोग जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, वो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं. इसके अलावा अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952, कोयला खान भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1948, नाविक भविष्य निधि अधिनियम 1966, द असम टी प्लांटेशनस प्रोविडेंट फण्ड एंड पेंशन फण्ड स्कीम एक्ट 1955, जम्मू एवं कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम1961, कोई अन्य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना के अगर आप सदस्य हैं तो आप अटल पेंशन योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं. इसके अलावा जिन लोगों के पास भारतीय नागरिकता नहीं है, वो भी इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं.
60 से पहले खाताधारक की मृत्यु होने पर क्या चालू रहती है स्कीम?
अगर APY अकाउंटहोल्डर की मौत 60 की उम्र से पहले ही हो जाती है तो इस स्थिति में उसकी जमा की गई राशि उसके नॉमिनी को लौटा दी जाती है. लेकिन अगर खाताधारक का जीवनसाथी पति या पत्नी जीवित है, तो उसे स्कीम को चालू रखने की छूट दी जाती है. ऐसी स्थिति में जीवनसाथी पर निर्भर करता है कि वे स्कीम को आगे चालू रखना चाहते हैं या नहीं. जीवनसाथी चाहे तो अटल पेंशन योजना का अकाउंट बंद भी करा सकता है और जमा किए गए पैसे पापस ले सकता है और अगर चाहे तो अकाउंटहोल्डर की 60 की उम्र पूरी होने तक निवेश को बरकरार रखकर 60 के बाद खुद जीवनभर पेंशन प्राप्त कर सकता है.
60 के बाद मृत्यु होने पर किसे मिलती है पेंशन?
अगर अकाउंट होल्डर जो 60 के बाद पेंशन का लाभ ले रहा है, उसकी मौत हो जाती है तो इस स्थिति में उसके जीवनसाथी को आजीवन पेंशन का लाभ दिया जाता है. अटल पेंशन योजना शुरू करने के साथ ही उसमें दूसरा जीवनसाथी डिफॉल्ट नॉमिनी के तौर पर अधिकृत हो जाता है. उसको पेंशन की वही राशि दी जाती है जो अकाउंट होल्डर को दी जाती रही है.