Cold attack on Lungs and Spine: भारी ठंड और तापमान में हो रही गिरावट फेफड़ों और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा रही है. ठंंड में मांसपेशियों और लिगामेंट्स के सिकुड़ने से रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है. वहीं फेफड़ों के इन्फेक्शन और सीओपीडी जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
Cold attack on Lungs and Spine: ठंड का सितम जारी है. तापमान में हो रही ये गिरावट फेफड़ों और रीढ़ की हड्डी को कई तरह से नुकसान पहुंचा रही है. ठंड के अटैक से मांसपेशियां और लिगामेंट्स सिकुड़ जाते हैं. जिसके चलते मांसपेशियों में खिंचाव, मोच और यहां तक कि रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर तक हो सकता है. जबकि ठंडी हवा के असर से फेफड़े भी कई तरह से प्रभावित हो रहे हैं. खासतौर पर ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ रहा है. ठंडी हवा लंग्स में जलन और सूजन भी पैदा कर सकती है, जिससे अस्थमा का प्रकोप और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
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इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राजेश चावला और नेफ्रोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पीएन रंजन कहते हैं कि ठंड रीढ़ की डिस्क के सिकुड़ने का कारण भी बन सकती है, जिससे नसों पर दबाव बढ़ सकता है और पीठ में दर्द की परेशानी हो सकती है.
यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि अस्थमा और सीओपीडी जैसी पहले से मौजूद सांस संबंधी बीमारियों वाले लोगों में ठंड के मौसम में श्वसन की दिक्कतें होने का खतरा बढ़ जाता है. इन्हें विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और बेहद ठंडे तापमान के दौरान गर्म और स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
सुरक्षित रहने के लिए करें ये 5 उपाय
पूरा करें टीकाकरण
डॉक्टर चावला कहते हैं कि सबसे पहले अपने बकाया टीकाकरण को पूरा कर लें. वैक्सीनेशन कोरोना जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा को मजबूत करता है और वार्षिक फ्लू शॉट जैसे अतिरिक्त टीकाकरण लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से भी रोकते हैं.
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गर्म कपड़ों से इन अंगों को ढकें
अपनी सुरक्षा के लिए गर्म कपड़े पहनें लेकिन ध्यान रहे कि आपके हाथ, गर्दन, कान और पैर ढके हुए हों. जिससे ठंडी हवा न लगे. वहीं कई वायरल रोग स्पर्शोन्मुख यानि छूने भर से हो सकते हैं, ऐसे में लोगों को अपनी सुरक्षा और दूसरों की सेफ्टी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूर पहनना चाहिए.
गर्म और पौष्टिक खाना खाएं
अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए गर्म, पौष्टिक भोजन करना जरूरी है. तेज ठंड में लोग व्यायाम करना छोड़ देते हैं, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बुरा है. उन्हें घर पर कुछ सरल वार्म-अप अभ्यास करने चाहिए, जो महत्वपूर्ण हैं. हालांक हमेशा गर्म रहने के लिए हीटर आदि का उपयोग करने से बचें. साथ ही गर्म में से अचानक ठंडे में जाने से भी बचें.
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता अधिक होने की संभावना तब होती है जब हीटर बंद क्षेत्रों में लंबे समय के लिए उपयोग किए जाते हैं. इसलिए, सर्दियों के दौरान भी कुछ वेंटिलेशन की जरूरत होती है. बाहर जाते समय, मतली और चक्कर आने से बचने के लिए लोगों को हमेशा अपने साथ कुछ अतिरिक्त भोजन और गर्म कपड़े रखने चाहिए. कहीं भी जाने से पहले अपने वाहनों की भी जांच कर लें.
सक्रिय रहें लेकिन पसीने से बचें
ठंड में सुरक्षित रहने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम यह है कि आप बाहर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें. अगर तबियत खराब है, फ्लू या खांसी है तो बाहर किसी भी सभा-समारोह में जाने से बचें. संभव हो तो घर के अंदर रहें और अत्यधिक ठंडे तापमान में लंबे समय तक रहने से बचें. शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए सक्रिय रहें लेकिन इतना भी नहीं कि पसीना आ जाए. इससे नुकसान हो सकता है.