17 दिसंबर 1854 को मिशिगन झील में एक जहाज डूब गया था और इस पर सवार 17 लोगों की मौत हो गई थी. ये जहाज लगभग 150 साल तक गायब रहा. बाद में साल 2010 में इस जहाज को पानी के 180 फीट नीचे से खोजा गया. समुद्र में जहाजों का मलबा खोजने वालों ने 150 साल पहले एक तूफान में डूबे इस जहाज को खोजा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबित इस जहाज में 19वीं सदी की दुर्लभ व्हिस्की और सोने के सिक्के भरे हैं. उम्मीद है कि इस जहाज से 1.5 अरब रुपये का सोना मिल सकता है.
150 साल पुराने जहाज पर करोड़ों का खजाना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस जहाज के बारे में ऐसा माना जाता है कि इस पर खजानों से भरा हुआ है. दिक्कत ये है कि इसको बिना परमिट के नहीं हासिल किया जा सकता. वहीं जहाज का मलबा खोजने वाले रॉस रिचर्डसन ने बताया कि इस मलबे से खजाने को बाहर निकालने की बात चल रही है, जिसके लिए निलामी की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी.
किसी संग्रहालय से कम नहीं ये जहाज
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रॉस ने मीडिया से बताया कि वह समुद्र में गोता लगाकर जहाज तक जाने के लिए बेताब हैं. उनके मुताबिक वेस्टमोरलैंड पर सोने चांदी का खजाना मौजूद है. इसके साथ ही इस जहाज के ऐतिहासिक चीजों से संपन्न होने की उम्मीद लगाई जा रही है. उनका मानना है कि इस पर व्हिस्की के पीपे और संभवत: अन्य कलाकृतियां मौजूद हैं, जिन्हें पानी के नीचे से निकालने की शुरुआती बातचीत चल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक रॉस वेस्टमोरलैंड जहाज को किसी संग्रहालय से कम नहीं मानते. उनका कहना है कि ये 1850 के दशक से पूरी तरह संरक्षित अवशेषों से भरा पड़ा है.
खजाने से ज्यादा व्हिस्की में है दिलचस्पी
रॉस के मुताबिक इस खजाने से भरे जहाज को दुनिया के सामने लाना जरूरी है. पानी के नीचे भी यह 150 साल बाद भी अच्छी तरह से संरक्षित है. उनके मुताबिक डिस्टलरी को जहाज के खजाने से ज्यादा इस पर मौजूद शराब में दिलचस्पी है. वह इसको निकालकर बेचना चाहती है. ऐसा माना जा रहा है कि साल 1854 में मकई अलग किस्म की रही होगी. इसलिए जहाज में मौजूद शराब का स्वाद बेहद अलग हो सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिस समय जहाज डूबा, उस दौरान उसमें 250 बैरल व्हिस्की थी. ये व्हिस्की जहाज सैनिकों के लिए थी, जिसके उनके ठंड में इस्तेमाल के लिए जहाज द्वारा भेजा जा रहा था. वहीं जहाज में मौजूद सोने की कीमत आज के समय में करीब 1.5 अरब रुपये बताई जा रही है. रॉस इस खजाने की खोज पर किताब लिखी है, जिसे उन्होंने ‘द सर्च फॉर द वेस्टमोरलैंड’ का नाम दिया है. इसमें उन्होंने जहाज के मलबे की खोज का विवरण दिया है.