नई दिल्ली, राजीव कुमार। होम व ऑटो लोन या किसी अन्य प्रकार के लोन किस्त भुगतान में देरी पर लगने वाले जुर्माने में राहत मिलने वाली है। आरबीआइ का कहना है कि लोन किस्त के भुगतान में देरी पर लगने वाले जुर्माने का बैंकों को अलग से विवरण देना होगा। किस्त भुगतान में देरी पर जो जुर्माना वसूला जाएगा, वह बिल्कुल अलग होगा और पारदर्शी तरीके से यह जुर्माना लिया जाएगा।
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अभी लोन किस्त के भुगतान में देरी पर पैनल इंटरेस्ट के आधार पर जुर्माना वसूला जाता है जो लोन की मूल राशि में जोड़ दिया जाता है। सभी बैंकों का अलग-अलग पैनल इंटरेस्ट होता है और ग्राहकों को साफ तौर पर पता नहीं चलता है कि उन्हें लोन किस्त के भुगतान में देरी पर कितना जुर्माना देना होगा।
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ड्राफ्ट गाइडलाइन जल्द जारी होगी
गत आठ फरवरी को आरबीआइ की मौद्रिक समीक्षा की बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी जल्द ही इस संबंध में ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी किया जाएगा और उस पर स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया ली जाएगी। आरबीआइ की तरफ से कहा गया है कि कोई भी जुर्माना पैनल इंटरेस्ट के रूप में नहीं वसूला जाएगा। वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक बैंक अलग से जुर्माना की राशि निर्धारित करेंगे।
वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक अभी पैनल ब्याज लोन के आकार व प्रकार पर निर्भर करता है और सभी बैंक अपने हिसाब से यह निर्धारित करते हैं। लोन भुगतान के दौरान पैनल इंटरेस्ट को लेकर ग्राहक व बैंकों के बीच करार होता है और पैनल इंटरेस्ट की गणना सालाना तौर पर की जाती है।
आम जनता को बड़ी राहत
जानकारों के मुताबिक, मान लीजिए पैनल इंटरेस्ट 24 फीसद प्रतिवर्ष है और अगर 50000 रुपए की मासिक किस्त का भुगतान नहीं हो पाया तो इस हिसाब से एक माह का जुर्माना दो फीसद होगा और 50000 रुपए के हिसाब से जुर्माना 1000 रुपए का होगा। अब बैंकों को अलग से जुर्माना निर्धारित करना होगा। इससे छोटे उद्यमियों के साथ आम ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।