Chaitra Navratri in Panchak : इस साल चैत्र नवरात्र पंचक में शुरू हो रही है. पंचक के 5 दिनों में शारीरिक कष्ट की आशंकाएं बनी रहती है. पंचक के दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, लेकिन आप पूजा पाठ कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि में किस प्रकार माता दुर्गा की पूजा की जाए.
Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में माता दुर्गा को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी और भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है. माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हर व्यक्ति कुछ ना कुछ प्रयास करता है, लेकिन नवरात्रि के समय पूरे श्रद्धा के साथ यदि माता दुर्गा की आराधना करी जाए, तो वे अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर अपनी कृपा बनाए रखती हैं. कुछ ही समय में चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है, 22 मार्च दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रों का आरंभ हो जाएगा, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पंचक में प्रारंभ हो रही है, यह पंचक 19 मार्च रविवार से शुरू होकर 23 मार्च गुरुवार तक रहेगा. हालांकि यह पंचक चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ के 2 दिन ही रहेगा. यह पंचक रोग पंचक है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
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चैत्र नवरात्रों में पूजा विधि
माता दुर्गा की आराधना करते समय सच्चे ह्रदय और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ में सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर अपने घर के पूजा स्थान पर गंगाजल डालें और उसका शुद्धीकरण कर लें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. माता दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक कराएं. इसके बाद मां को अक्षत, सिंदूर, लाल रंग के पुष्प समर्पित करें. प्रसाद के रूप में फल और मिठाई का भोग लगाएं. धूप और दीपक जलाकर माता दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां की आरती करें. मां को लगाए गए भोग को अन्य लोगों में प्रसाद स्वरूप वितरित करें.
पूजा सामग्री
माता दुर्गा की आराधना के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है जो निम्न हैं.
1. लाल चुनरी
2. लाल वस्त्र
3. मौली
4. श्रृंगार का सामान
5. दीपक
6. घी
7. धूप
8. नारियल
9. अक्षत
10. कुमकुम
11. लाल फूल
12. माता की प्रतिमा
13. पान और सुपारी
14. लौंग
15. इलायची
16. बताशे या मिश्री
17. कपूर
18. फल
19. मिठाई
20. कलावा
शुभ मुहूर्त
इस साल नवरात्र आरंभ शुक्ल योग में होगा. जो सुबह 9:18 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ब्रह्म योग लग जाएगा. ये योग सुबह-सुबह 9:19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा. इस दिन ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग भी लगने वाला है और इस समह मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना बेहद लाभकारी माना जाता है.