भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 15 मार्च से अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) को 70 बेसिस पॉइंट (bps) या 0.7 प्रतिशत बढ़ाकर 14.85 प्रतिशत कर दी है.
नई दिल्ली. देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 15 मार्च से अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) को 70 बेसिस पॉइंट (bps) या 0.7 प्रतिशत बढ़ाकर 14.85 प्रतिशत कर दी है. वर्तमान BPLR 14.15 प्रतिशत है. बैंक के ने बेस रेट को भी मौजूदा 9.40 प्रतिशत से 70 बीपीएस बढ़ाकर 10.10 प्रतिशत कर दिया है. SBI ने इससे पहले 15 दिसंबर, 2022 को अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट और बेस रेट को संशोधित किया था.
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हालांकि, बैंक ने धन आधारित उधार दरों की सीमांत लागत (MCLR) को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया. इसका तात्पर्य यह है कि होमे लोन की दर प्रभावित नहीं होगी. एमसीएलआर वह दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज देता है.
फरवरी में किया था MCLR दरों में बदलाव
एसबीआई ने पिछली बार 15 फरवरी, 2023 को MCLR दरों में 10 आधार अंकों या 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. वर्तमान में, ओवरनाइट एमसीएलआर 7.95 प्रतिशत है जबकि मासिक एमसीएलआर दर 8.10 प्रतिशत है. तीन महीने की MCLR दर और छह महीने की MCLR दर क्रमशः 8.10 प्रतिशत और 8.40 प्रतिशत है. एक साल की मैच्योरिटी के लिए नया रेट 8.50 फीसदी कर दिया गया है. इसी तरह दो साल लिए इसे 8.60 फीसदी और तीन साल के लिए 8.70 फीसदी कर दिया गया है.
MCLR का EMI पर होता है सीधा असर
एमसीएलआर में बढ़ोतरी से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे. साथ ही इससे आपकी किस्त यानी ईएमआई पर भी सीधा असर पड़ेगा. RBI ने 2016 में MCLR सिस्टम को पेश किया था. यह किसी वित्तीय संस्थान यानी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए एक इंटरनल बेंचमार्क है. MCLR प्रोसेस में लोन के लिए मिनिमम ब्याज दर तय की जाती है. MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक लोन दे सकता है.