राज्य ब्यूरो, गैरसैंण: Uttarakhand Budget Session 2023: उत्तराखंड मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अग्रिम अनुमानों से मिले संकेतों के अनुसार जीएसडीपी यानी अर्थव्यवस्था का आकार 2.65 लाख करोड़ से छलांग लगाकर 3.06 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
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प्रति व्यक्ति आय 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,33,000 रुपये और विकास दर 7.08 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विकास दर में भी राज्य का प्रदर्शन सुधरा है, यद्यपि इसकी गति तेज होना बाकी है। कोरोना संकट से उबरकर जिस तरह चारधाम यात्रा और पर्यटन अपने पुराने स्वरूप में लौट रही है, उसका प्रभाव दिखने लगा है।
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परिवहन, भंडारण, व्यापार, होटल एवं जलपान गृह समेत सेवा क्षेत्र में वृद्धि को प्रदेश की आर्थिक सेहत के लिए शुभ माना जा रहा है। यद्यपि कर के रूप में राजस्व जुटाने की चुनौती बरकरार है। जीएसटी प्रतिपूर्ति पर रोक लगने से दिसंबर, 2022 तक प्रदेश के कर संग्रह में 11 प्रतिशत की कमी आई है।
गैरसैंण में भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 खंड-एक को प्रस्तुत किया गया। पुष्कर सिंह धामी सरकार को आर्थिक सर्वेक्षण के अग्रिम अनुमानों के संकेत से बड़ी राहत मिली है। सरकार ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का संकल्प लिया है।
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कोरोना संकट ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 5.38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दो वर्ष तक प्रदेश में चारधाम यात्रा, पर्यटकों की आवाजाही, एमएसएमइ, के साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों, परिवहन के साथ ही व्यापार को झटका लगा।
पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 से अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने का सिलसिला तेज हुआ और विकास दर 7.05 प्रतिशत तक पहुंची। अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 0.03 प्रतिशत बढ़कर 7.08 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
कृषि समेत प्राथमिक क्षेत्र की 12 प्रतिशत भागीदारी
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में इसमें वृद्धि के संकेत सामने आने से प्रदेश सरकार को आने वाले वर्षों में आर्थिकी तेज करने में सहायता मिल सकेगी। जीएसडीपी 3.02 लाख करोड़ और प्रति व्यक्ति आय में बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 10.05 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
इस आधार पर प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2,33,000 रुपये पहुंच जाएगी। वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आर्य 2,05,840 रुपये अनुमानित है। इस अवधि में अर्थव्यवस्था के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कृषि एवं संबंधित प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 12.36 प्रतिशत है।
उद्योग, विनिर्माण व निर्माण से संबंधित द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 46.21 प्रतिशत है। पर्यटन, परिवहन एवं सेवा संबंधी गतिविधियों से जुड़े तृतीयक क्षेत्र का योगदान बढ़ा है। यह 41.43 प्रतिशत हो गया है। निर्माण व उपयोगी सेवाओं की उच्च वृद्धि दरजीएसडीपी में वृद्धि दर को ऐसे भी समझा जा सकता है। इसमें निर्माण क्षेत्र की 17.15 प्रतिशत, बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगी सेवाओं की 13.34 प्रतिशत वृद्धि दर रही है।
लोक प्रशासन की 9.80, परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण सेवाओं की 7.40 प्रतिशत, स्थावर संपदा, आवास स्वामित्व एवं व्यावसायिक सेवाओं की 8.55 प्रतिशत और अन्य क्षेत्र की 5.35 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर रही। वित्तीय क्षेत्र में 4.20 प्रतिशत, व्यापार, होटल एवं जलपान गृहों की 3.73 प्रतिशत निम्न वृद्धि दर आंकी गई है।
राज्य की सकल आय में व्यापार कर
- वैट का 66 प्रतिशत योगदान, दिसंबर, 2022 तक 9327.64 करोड़ रहा कर संग्रह
- पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस और शराब से दिसंबर, 2022 तक 1909.31 करोड़ कर संग्रह
- आइजीएसटी सैटलमेंट में दिसंबर, 2022 में बीते वर्ष की तुलना में 39.64 प्रतिशत की वृद्धि, 1860.79 करोड़ मिला राजस्व-स्टांप एवं निबंधन से दिसंबर, 2022 तक 34.96 प्रतिशत आय वृद्धि, 1454.06 करोड़ मिले
- महंगाई पर नियंत्रण, माह जनवरी, 2022 में मुद्रास्फीति की दर 6.01 प्रतिशत, दिसंबर, 2022 तक हुई 5.72 प्रतिशत, राजकोषीय घाटे को जीडीपी का अधिकतम तीन प्रतिशत की सीमा में रखने का संकल्प