दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2021: आज राष्ट्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मना रहा है। गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने देश को अंग्रेजों की चुंगल से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई थी। वर्तमान समय में गांधी जी को शांति दूत कहा जाता है। विश्व के कई दिग्गज नेताओं ने गांधी जी के कथनों का अनुसार कर प्रसिद्धि पाई है। युवाओं के लिए गांधी जी आदर्श हैं। उनके पदचिन्हों पर चलकर युवा अपने जीवन में हर मुकाम हासिल कर सकता है। अगर आप भी गांधी जी के जीवन से रूबरू होना चाहते हैं, तो गांधी जयंती पर बापू के दर्शन और ज्ञान के लिए दिल्ली की इन जगहों पर जरूर जाएं-
राज घाट
यह स्मारक गांधी जी को समर्पित है। राज घाट में गांधी जी का अंतिम संस्कार किया गया था। काफी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक राज घाट आकर गांधी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। आप भी गांधी जयंती पर राज घाट जा सकते हैं।
राष्ट्रीय गांधी म्यूजियम और पुस्तकालय
जवाहरलाल नेहरू मार्ग में गांधी म्यूजियम और पुस्तकालय स्थित है। इस म्यूजियम में गांधी जी की दुर्लभ तस्वीरें, किताबें, नोट्स आदि हैं, जो गांधी जी और उनकी धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी की हैं। शोधकर्ता ऑडियो विज़ुअल सामग्री भी म्यूजियम से प्राप्त कर सकते हैं। गांधी जी के जीवन से रूबरू होने के लिए एक बार गांधी म्यूजियम जरूर जाएं।
कस्तूरबा कुटीर
Kingsway Camp में एक छोटा सा म्यूजियम है, जिसे कस्तूरबा कुटीर कहा जाता है। यह पहले दो मंजिला घर था, जिसमें गांधी जी, कस्तूरबा गांधी और उनके पुत्र देवदास रहते थे। वर्तमान समय में कस्तूरबा कुटीर में एक गीता, एक चरखा और एक लालटेन मौजद है। आप गांधी जयंती पर कस्तूरबा कुटीर की सैर कर सकते हैं।
बापू आश्रम, वाल्मीकि मंदिर
बहुत कम लोगों को पता है कि गांधी जी साल 1946 में गोल बाजार के हरिजन बस्ती में रहते थे। वाल्मीकि मंदिर में एक आश्रम है। इस जगह पर गांधी जी न केवल रहते थे, बल्कि गोल बाजार में रहने वाले युवाओं को हिंदी और इंग्लिश भी सिखाते थे। गांधी जी 1 अप्रैल, साल 1946 से लेकर 10 जून, साल 1947 तक रहे थे। आप बापू आश्रम की भी सैर कर सकते हैं।