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बिहार-राजस्थान समेत 4 राज्यों में BJP ने क्यों बदले कप्तान? लोकसभा चुनाव पर कैसे है खास ध्यान, समझें भाजपा का असली प्लान

With 4 New State Chiefs, BJP Tries to Change Caste Equations: बीजेपी ने 4 राज्यों में अपने नए अध्यक्षों को नियुक्त करने की घोषणा गुरुवार को की है. इसके साथ ही ये माना जा रहा है कि बीजेपी ने आने वाले वक्त में चुनावों को ध्यान में रखकर राजस्थान, दिल्ली, बिहार और ओडिशा में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की है. इन अध्यक्षों को नियुक्त करने में सबसे ज्यादा जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखा गया है. बिहार में कुशवाहा जाति से आने वाले सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि राजस्थान में ब्राह्मण सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाया गया है.

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नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को चार राज्यों के अपने नए अध्यक्षों की नियुक्ति की, जिसमें जातिगत समीकरणों की दिलचस्प तस्वीर सामने आई. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बनाए लव-कुश (कुशवाहा-कुर्मी) समीकरण को तोड़ने के उद्देश्य से बीजेपी ने मुखर कुशवाहा नेता सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) को बिहार का नया अध्यक्ष नियुक्त किया, जबकि चुनावी राज्य राजस्थान में एक ब्राह्मण सीपी जोशी (C P Joshi) को बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. बीजेपी ने ओडिशा में नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी मनमोहन सामल (Manmohan Samal) को सौंपी है और दिल्ली के अंतरिम अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) को पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया गया है.

सम्राट चौधरी विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं. वो मशहूर कुशवाहा नेता शकुनि चौधरी के बेटे हैं. जो पहले नीतीश कुमार के एक सहयोगी थे, मगर बाद में उनके एक कटु आलोचक बन गए. सम्राट को नीतीश कुमार से नाराजगी विरासत में मिली है. उम्मीद की जाती है कि इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को मिलने के बाद वह मुख्यमंत्री के खिलाफ अपनी आक्रामकता बढ़ाएंगे. उनकी नियुक्ति नीतीश खेमे से कुशवाहा जाति के एक बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा के टूटने के मद्देनजर हुई है. इसका उद्देश्य संख्या में कम होने के बावजूद राजनीतिक लाभ उठाने के मामले में आगे सीएम नीतीश कुमार की कुर्मी जाति को लेकर कुशवाहाओं के बीच पहले से मौजूद नाराजगी को भड़काना और भुनाना है.

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वहीं राजस्थान में सीपी जोशी की नियुक्ति पूर्व अध्यक्ष सतीश पुनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ चल रहे झगड़े के बीच हुई है. पूर्व सीएम पुनिया से नाखुश थी. बहरहाल यह देखने वाली बात होगी कि वसुंधरा राजे को सीएम उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाता है या नहीं. जबकि दिल्ली में वीरेंद्र सचदेवा की नियुक्ति को पंजाबियों के बीच अपने मजबूत आधार को ठोस रखने की BJP की एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. दिल्ली के पिछले दो अध्यक्षों- मनोज तिवारी और आदेश गुप्ता की जड़ें क्रमशः बिहार और यूपी में हैं. पार्टी के दिल्ली कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल में सचदेवा प्रभावशाली रहे हैं.

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